- गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में दिया जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन संशोधन विधेयक पर जवाब
- शाह बोले- म्मू कश्मीर की पंचायतों को हमने अधिकार दिया है
- क्या कश्मीरी युवा को देश की ऑल इंडिया कैडर में आने का अधिकार नहीं है- शाह
नई दिल्ली: बजट सत्र के पहले चरण का आज आखिरी दिन है और जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन संशोधन विधेयक पर चर्चा के दौरान गृह मंत्री अमित शाह ने सदन में राज्य के ताजा हालात को लेकर बयान दिया और विपक्ष पर भी सवाल दागे। इस दौरान उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर के हालात को हमें समझना होगा। विपक्ष पर तंज कसते हुए शाह ने कहा, 'यहां कहा गया कि अनुच्छेद 370 हटाने के वक्त जो वादे किए गए थे, उसका क्या हुआ? मैं उसका जवाब जरूर दूंगा। मगर अभी तो 370 को हटे हुए केवल 17 महीने हुए हैं, आपने 70 साल क्या किया उसका हिसाब लेकर आये हो क्या?'
ना बनाएं राजनीति का हिस्सा
गृह मंत्री ने आगे कहा, '44,000 कश्मीरी पंडितों के परिवारों को जिनके पास राहत कार्ड है, उन्हें 13,000 रुपये प्रति महीने सरकार देती है। निशुल्क राशन देते हैं। ये हमारे समय में विस्थापित नहीं हुए। कांग्रेस इन्हें सुरक्षा नहीं दे पाई, इसलिए ये विस्थापित हुए। 3000 नौकरियां दे दी गईं हैं। 6,000 लोगों को कश्मीर घाटी में 2022 तक घर देकर हम बसा देंगे। जम्मू कश्मीर और लद्दाख को राजनीति का हिस्सा हम न बनाएं। बहुत सारी चीजें हैं राजनीति करने के लिए। मगर ये देश का संवेदनशील हिस्सा है, उनको कई घाव लगे हैं। उनको मरहम लगाना हमारा काम है। अनुच्छेद 370 जाने के बाद जम्मू कश्मीर में किसी के साथ भी अन्याय हो, ऐसी आशंका को ही समाप्त कर दिया गया है। 2014-15 से 2019 तक 4,164 करोड़ रुपये की राशि लद्दाख में भेजी गई है। 31-10-2019 से 31-03-2020 तक 3,518 करोड़ रुपये हम लद्दाख के लिए भेज चुके हैं।'
ओवैसी के सवाल का जवाब
AIMIM सांसद ओवैसी ने सदन में बहस के दौरान कहा कि गृह मंत्री ने कहा था कि जम्मू-कश्मीर का पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल होगा, लेकिन इधर केंद्र वहां के कैडर को खत्म कर रही है. आखिर सरकार की मंशा क्या है? इसका जवाब देते हुए शाह ने कहा, 'औवेसी साहब अफसरों का भी हिन्दू मुस्लिम में विभाजन करते हैं। एक मुस्लिम अफसर हिन्दू जनता की सेवा नहीं कर सकता या हिन्दू अफसर मुस्लिम जनता की सेवा नहीं कर सकता क्या? अफसरों को हिन्दू मुस्लिम में बांटते हैं और खुद को सेक्युलर कहते हैं।'
दिया विकास कार्यों का ब्यौरा
अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर के विकास कार्यों का हवाला देते हुए कहा, 'हमने जम्मू कश्मीर में 50,000 परिवारों को स्वास्थ्य बीमा के तहत कवर किया है। 10,000 युवाओं को रोजगार योजना में कवर किया है। 6,000 नए कार्य शुरु किए। मेरा शहर-मेरा गौरव के तहत शहरी विकास के कार्य किए गए हैं। प्रधानमंत्री विकास पैकेज पीएम योजना की जो घोषणा हुई , उसका पुनर्निर्माण और मेगा विकास का जो पैकेज था, इसके तहत 58,627 करोड़ रुपये परिव्यय की 54 योजनाएं थी और उसे लगभग 26% और बढ़ाया गया है। आईआईटी जम्मू ने अपने परिसर में शिक्षण शुरु कर दिया है। दोनों एम्स का निर्माण कार्य शुरु हो गया है। 8.45 किमी बनिहाल सुरंग को इस साल खोलने की योजना है।2022 तक हम कश्मीर घाटी को रेलवे से जोड़ने का काम भी करने वाले हैं। 54 में से 20 परियोजनायें, जिनमें से 7 केंद्रीय और 13 संघ राज्य की थी, ये काफी हद तक पूरी हो चुकी है और बाकी 8 परियोजनाएं मार्च के अंत तक पूरी हो जाएगी। यानी 54 में से 28 परियोजनाओं को काम हमने पूरा कर दिया है।'
हमने जम्मू कश्मीर को दिया अधिकार
जम्मू कश्मीर के ताजा हालातों का जिक्र करते हुए शाह ने कहा, 'जम्मू कश्मीर की पंचायतों को हमने अधिकार दिया है, बजट दिया है। पंचायतों को सुदृढ़ किया है। प्रशासन के 21 विषयों को पंचायतों को दे दिया है। करीब 1500 करोड़ रुपये सीधे बैंक खातों में डालकर जम्मू कश्मीर के गांवों के विकास का रास्ता प्रशस्त किया है। वहां करीब 3650 सरपंच निर्वाचित हुए, 33,000 पंच निर्वाचित हुए। अब वहां राजा-रानी के पेट से नेता नहीं बनेंगे, वोट से नेता चुने जाएंगे। दिसंबर 2018 में जम्मू कश्मीर की निचली पंचायत के चुनाव हुए, जिसमें 74% लोगों ने मतदान किया। कश्मीर के इतिहास में इतना मतदान कभी नहीं हुआ था।'
जम्मू-कश्मीर के युवाओं को मिल रहे हैं अवसर
आर्टिकल 370 का जिक्र करते हुए शाह ने कहा, 'हमारी सरकार आने के बाद जम्मू कश्मीर में पंचायती राज की शुरुआत हुई है। पहले जम्मू कश्मीर में तीन लोग परिवार के लोग ही शासन कर रहे थे, इसलिए वो अनुच्छेद 370 के पक्ष में रहते थे। क्या कश्मीरी युवा को देश की ऑल इंडिया कैडर में आने का अधिकार नहीं है? अगर स्कूल न जलाए होते तो कश्मीर के बच्चे भी आज IAS और IPS बने होते।'
तीन परिवारों से सवाल
अमित शाह ने सदन में कहा, 'जम्मू कश्मीर में वर्षों तक शासन करने वाले तीन परिवार बताएं कि उन्होंने वहां के लोगों के स्वास्थ्य के लिए क्या किया? मैं सदन को गौरव के साथ बताना चाहता हूं कि 17 महीने में हमने जम्मू कश्मीर में पीएमडीपी के तहत स्वास्थ्य मंत्रालय से 881 करोड़ रुपये की धनराशि भेज दी है। 75 परियोजनाएं पूरी हो गई हैं, 2022 तक 39 अन्य परियोजनाएं पूरी हो जाएंगी। जम्मू कश्मीर के उद्योग में सबसे बड़ी बाधा थी कि वहां कोई भी उद्योग लगाना चाहे तो उन्हें जमीन नहीं मिलती थी। 370 हटने के बाद, जमीन के कानून में हमने परिवर्तन किया और अब ऐसी स्थिति हुई है कि कश्मीर के अंदर उद्योग लग पाएंगे। Back to Village कार्यक्रम के तहत जम्मू कश्मीर बैंक को 15,000 छोटे छोटे ऋण के मामले दिए गए हैं। मुझे बताते हुए आनंद है कि इनमें से लगभग 4600 महिला सहित 13,000 मामलों को ऋण देने का काम भी पूरा कर लिया गया है, वो अपनी छोटी छोटी इकाइयां स्थापित कर रहे हैं।
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