- यह प्रदर्शनी आजादी का अमृत महोत्सव का एक हिस्सा है
- जावडेकर ने कहा कि यह आवश्यक है कि हर किसी को स्वतंत्रता संघर्ष की यात्रा के बारे में जानना चाहिए
- ये प्रदर्शनियां लोगों को स्वतंत्रता संग्राम के महत्व के बारे में शिक्षित करेंगी
सूचना प्रसारण मंत्रालय के ब्यूरो ऑफ़ आउटरीच कम्युनिकेशन द्वारा लगाई गई यह प्रदर्शनी में लगाए गए पैनल्स में स्वतंत्रता संग्राम के महारथियों के योगदान की झलकियाँ हैंI स्वतन्त्रता संग्राम की इन विभूतियों में महात्मा गांधी, सरदार वल्लभभाई पटेल, लोकमान्य तिलक, डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकर और कई अन्य प्रमुख नेता शामिल हैंI
पुणे का ऐतिहासिक आगा खान पैलेस जहां भारत छोड़ो आन्दोलन की शुरुआत के बाद महात्मा गांधी को नजरबंद कर दिया गया था, आज हमारे शानदार स्वतंत्रता संघर्ष और आजादी के बाद देश की उल्लेखनीय यात्रा से प्रेरित होने के लिए सब का आह्वान कर रहा हैI
भारत की स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में हम हमारे देश के स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धा सुमन अर्पित करने और स्वाधीनता के संघर्ष में उनके योगदान की जानकारी देने के लिए इस पैलेस में एक सुंदर प्रदर्शनी का आयोजन किया गया हैI यह प्रदर्शनी आजादी का अमृत महोत्सव का एक हिस्सा हैI
वर्चुअल रूप में इस प्रदर्शनी का उद्घाटन करते हुए केन्द्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री श्री प्रकाश जावडेकर ने कहा कि, 'असंख्य बलिदानों के बाद हमें स्वतंत्रता मिली हैI इसलिए यह आवश्यक है कि हर किसी को स्वतंत्रता संघर्ष की यात्रा के बारे में जानना चाहिए। ये प्रदर्शनियां देशभर में लगाई जा रही हैं ताकि अपने देशवासियों को हमारे शानदार स्वतंत्रता संघर्ष और स्वतंत्रता सेनानियों के त्याग और बलिदान के बारे में जानकारी दी जा सके।'
जावडेकर ने आगे कहा 'आजादी का अमृत महोत्सव का उद्देश्य स्वतंत्र भारत की विभिन्न उपलब्धियों को प्रदर्शित करना भी है। हम यह भी चाहते हैं कि सुराज्य की हमारी धारणा के अनुरूप एक प्रमुख विश्व शक्ति के रूप में जीवन के सभी क्षेत्रों में अगले 25 वर्षों में देश की प्रगति की कल्पना कर सकें।'
नेशनल मीडिया सेंटर, नई दिल्ली में इस प्रदर्शनी के उद्घाटन के बाद श्री जावडेकर इस कार्यक्रम में ऑनलाइन माध्यम से जुड़ेI इस अवसर पर पांच अन्य स्थानों- बेंगलुरु, भुबनेश्वर, पटना, सांबा (जम्मू-कश्मीर) और मोइरांग(मणिपुर) में भी इस प्रदर्शनी का वर्चुअल उद्घाटन किया गयाI
'लोग इन प्रदर्शनियों में आएं और अपने साथ उस इतिहास को संजोकर ले जाएं'
सूचना प्रसारण मंत्रालय के ब्यूरो ऑफ़ आउटरीच कम्युनिकेशन द्वारा लगाईं गई ये प्रदर्शनियां लोगों को स्वतंत्रता संग्राम के महत्व के बारे में शिक्षित करेंगी और अगले आने वाले 25 वर्षों के लिए दूरदर्शिता के साथ योजना बनाने में सहायक होंगीI उन्होंने कहा 'मैं लोगों को आमंत्रित करता हूं कि वे इन प्रदर्शनियों में आएं और अपने साथ उस इतिहास को संजोकर ले जाएं।'
इस अवसर पर सूचना और प्रसारण मंत्रालय के सचिव श्री अमित खरे ने कहा कि इन प्रदर्शनियों का उद्देश्य स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि देना और इस लड़ाई में उनके योगदान को याद रखना हैI साथ ही इनका उद्देश्य स्वत्रंतता की इस यात्रा में देश के विभिन्न भागों से शामिल हुए गुमनाम नायकों और वीरों के योगदान को भी सामने लाना है I
प्रदर्शनी के बारे में पत्रकारों को जानकारी देते हुए क्षेत्रीय आउटरीच ब्यूरो, महारष्ट्र और गोवा के क्षेत्रीय निदेशक श्री प्रकाश माडगम ने पुणे के सभी निवासियों, विशेषकर युवकों का स्वागत किया और कहा कि वे इस प्रदर्शनी में आएं और राष्ट्र निर्माण में अपना योगदान देने के लिए प्रेरणा लेंI
आगा खान महल (पैलेस) का हमारे देश के स्वतंत्रता आदोलन में विशेष महत्व हैI यही वह स्थान है जहां 1942 में भारत छोड़ो आन्दोलन शुरू होने के बाद ब्रिटिश सरकार ने महात्मा गांधी को 21 महीने के लिए नजरबंद कर दिया थाI यह स्थान ‘भारत छोड़ो आन्दोलन’ का केंद्र बिंदु बन गया थाI अब यह एक संग्रहालय है जिसमें गांधी जी की 21 महीनों की हिरासत (नजरबंदी) की पूरी गाथा दर्शायी गई हैI
ऐसी ही प्रदर्शनियां सेवाग्राम, वर्धा और मुंबई में भी लगाई जाएंगी जहां से भारत छोड़ो आन्दोलन शुरू किया गया थाI भारतीय स्वतंत्रता की प्लेटिनम जयंती मनाने के लिए भारत सरकार अगले 75 सप्ताहों में राज्य सरकारों और विभिन्न संगठनों के साथ मिलकर विभिन्न प्रकार के बहुत से कार्यक्रमों का आयोजन करेगीI