नई दिल्ली: कांग्रेस पार्टी के सीनियर नेता आनंद शर्मा ने अपनी ही पार्टी को सवालों के घेरे में खड़ा कर दिया है। उन्होंने पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस का आईएसएफ के साथ गठबंधन करने पर सवाल उठाए हैं। आनंद शर्मा ने ट्वीट कर कहा कि सांप्रदायिकता के खिलाफ लड़ाई में कांग्रेस चयनात्मक नहीं हो सकती है।
उन्होंने ट्वीट कर कहा, 'आईएसएफ और ऐसे अन्य दलों से साथ कांग्रेस का गठबंधन पार्टी की मूल विचारधारा, गांधीवाद और नेहरूवादी धर्मनिरपेक्षता के खिलाफ है, जो कांग्रेस पार्टी की आत्मा है। इन मुद्दों को कांग्रेस कार्य समिति पर चर्चा होनी चाहिए थी।'
एक और ट्वीट में उन्होंने कहा कि सांप्रदायिकता के खिलाफ लड़ाई में कांग्रेस चयनात्मक नहीं हो सकती है। हमें हर सांप्रदायिकता के हर रूप से लड़ना है। पश्चिम बंगाल प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष की उपस्थिति और समर्थन शर्मनाक है, उन्हें अपना पक्ष स्पष्ट करना चाहिए।
इस पर प्रतिक्रिया देते हुए अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि हम एक राज्य के प्रभारी हैं और किसी भी अनुमति के बिना अपने दम पर कोई निर्णय नहीं लेते हैं।
तीनों दलों ने की रैली
पश्चिम बंगाल की सत्ता से बाहर होने के एक दशक बाद वाम मोर्चा, कांग्रेस और नवगठित इंडियन सेकुलर फ्रंट (आईएसएफ) ने रविवार को खुद को राज्य में तीसरे विकल्प के रूप में पेश किया। वाम-कांग्रेस-आईएसएफ गठबंधन ने पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनावों के लिए अपने अभियान की शुरुआत कोलकाता के ब्रिगेड परेड ग्राउंड में एक बड़ी रैली के साथ की।
सिद्दीकी ने कहा- जल्द हो सीट बंटवारा
आईएसएफ प्रमुख अब्बास सिद्दीकी ने सोमवार को कहा कि कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता तृणमूल कांग्रेस और भाजपा, दोनों पार्टियों के संपर्क में हैं तथा विधानसभा चुनाव के नतीजे के अनुरूप उनमें से किसी एक खेमे में शामिल हो सकते हैं। वाम दलों और कांग्रेस के महागठबंधन को रविवार को संकट की स्थिति का सामना करना पड़ा, जब सिद्दीकी ने कांग्रेस को सीट बंटवारे पर चल रही बातचीत को लेकर आगाह करते हुए उसे जल्द ही किसी निर्णय पर पहुंचने कहा था। उन्होंने कहा, 'हम चाहते हैं कि कांग्रेस इस विषय पर स्थिति स्पष्ट करे। वे गठबंधन चाहते हैं या नहीं, उन्हें यह स्पष्ट रूप से कहना होगा। हम अनंत काल तक प्रतीक्षा नहीं कर सकते। आईएसएफ प्रमुख ने रविवार को दावा किया था कि कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी गठबंधन के पक्ष में हैं, लेकिन बंगाल से पार्टी के एक नेता इसमें देर कर रहे हैं।
उनकी टिप्पणी पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए चौधरी ने कहा कि कांग्रेस किसी सिद्दीकी की धमकियों और भयादोहन के आधार पर फैसले नहीं लेगी। उन्होंने कहा, 'हमारा वाम दलों के साथ औपचारिक गठबंधन है। पहलें हमे वाम के साथ सीट बंटवारे की तस्वीर स्पष्ट करने दीजिए। हमने अब्दुल मनन से आईएसएफ के साथ बात करने और उनकी मांगों पर गौर करने को कहा है।' कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक आईएसएफ ने माल्दा और मुर्शिदाबाद में कुछ सीटों की मांग की है , जिन पर पार्टी ने 2016 के विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज की थी।