अमरावती: आंध्र प्रदेश के सभी 24 मंत्रियों ने मंत्रिपरिषद के प्रस्तावित पुनर्गठन से पहले बृहस्पतिवार को मुख्यमंत्री वाई एस जगनमोहन रेड्डी को अपना इस्तीफा सौंप दिया। मौजूदा मंत्रियों ने मंत्रिमंडल की बैठक में अपना इस्तीफा (मुख्यमंत्री को) सौंपा। यह यहां सचिवालय में उनकी अंतिम बैठक थी। मंत्री करीब 34 महीने तक अपने पदों पर रहे। सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री पी. वेंकटरमैया (नानी) ने कैबिनेट बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा कि हम सभी ने अपना इस्तीफा सौंप दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार चलाने के लिए कुछ अनुभवी मंत्रियों को फिर से शामिल किया जाएगा। कुछ अन्य लोगों को पार्टी की जिम्मेदारी दी जाएगी।
सत्तारूढ़ वाईएसआर कांग्रेस के सूत्रों ने कहा कि यहां 11 अप्रैल को नए चेहरों के साथ आंध्र प्रदेश मंत्रिपरिषद का पुनर्गठन किया जाएगा। आज इस्तीफा देने वाले कम से कम चार मंत्रियों को 11 तारीख को फिर से मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है। सूत्रों ने बताया कि मुख्यमंत्री ने बुधवार रात राज्यपाल विश्व भूषण हरिचंदन के साथ बैठक की, जिसमें मंत्रिमंडल के पुनर्गठन पर चर्चा हुई। उन्होंने कहा कि नये मंत्रिमंडल के गठन में जाति मानदंड महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
रेड्डी ने जब 30 मई, 2019 को मुख्यमंत्री के रूप में पदभार संभाला था, तब घोषणा की थी कि वह ढाई साल के बाद अपने मंत्रिमंडल में पूरी तरह से बदलाव करेंगे और एक नई टीम बनाएंगे। वर्तमान मंत्रिमंडल ने 8 जून, 2019 को शपथ ली थी और इसे 8 दिसंबर, 2021 तक कार्यालय में रहना था। कोविड -19 महामारी सहित कई कारणों से, कैबिनेट पुनर्गठन को नियत तारीख से पहले ही रोक दिया गया था। पिछले महीने, मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि वह उगादी (2 अप्रैल को तेलुगु नववर्ष दिवस) और उसके बाद नए जिलों के गठन के बाद मंत्रिमंडल के पुनर्गठन का कार्य करेंगे। नये जिले 4 अप्रैल को अस्तित्व में आए, जिससे कैबिनेट में फेरबदल का रास्ता साफ हो गया। सत्तारूढ़ वाईएसआर कांग्रेस से मिले संकेतों के अनुसार, मंत्रिपरिषद के मौजूदा ढांचे को बरकरार रखा जाएगा, जिसमें पांच उपमुख्यमंत्री होंगे।