नई दिल्ली: यूं तो देश के तमाम हिस्सों से नागरिकता कानून को लेकर विरोध प्रदर्शन की खबरें सामने आईं और अभी भी आ रही हैं वहीं देश के अहम सूबे उत्तर प्रदेश के भी कई जिलों में इसके खिलाफ विरोध के सुर उठे और प्रदर्शन किया गया। बात महज प्रदर्शन की होती तो कोई बात नहीं कई जिलों में ये विरोध हिंसात्मक रहा।
कई जगहों पर इन प्रदर्शनों में हिंसा का सहारा लिया गया और शरारती तत्वों ने सरकारी संपत्ति को खासा नुकसान पहुंचाया था। यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने साफ कह दिया था कि ऐसे तत्वों को पहचानकर उनसे सराकारी संपत्ति के नुकसान की वसूली की जाएगी।
इसी क्रम में यूपी के ऐसे जिलों में प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए नोटिस जारी कर दिए हैं और उन्हें अपनी स्थिति समझाने या सार्वजनिक एवं निजी संपत्ति को हुए नुकसान के लिए भुगतान करने को कहा है।
रामपुर जिला प्रशासन ने संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ पिछले सप्ताह हुए प्रदर्शनों के दौरान 'हिंसा के लिए पहचाने गए' 28 व्यक्तियों को नोटिस जारी किया है। बताया गया है कि पुलिस और जिला प्रशासन ने पूरे जिले में लगभग 25 लाख रुपये के नुकसान का आकलन करने के बाद मंगलवार को नोटिस जारी किए थे। पुलिस ने शुरू में कहा था कि लगभग 15 लाख रुपये का नुकसान हुआ है लेकिन अंतिम आकलन में यह आंकड़ा 25 लाख रुपये पहुंच गया।
कई जगहों पर उपद्रवियों को किया जा रहा है चिह्नित
रामपुर में हिंसक विरोध प्रदर्शन के दौरान शनिवार को 22 वर्ष के एक व्यक्ति की गोली लगने से मौत हो गई थी। कई स्थानीय व्यक्ति और पुलिसकर्मी घायल हो गए थे और पुलिस की एक मोटरसाइकिल सहित छह वाहनों को आग लगा दी गई थी। संभल में भी प्रशासन ने ऐसे करीब 55 लोगों को चिह्नित किया है और उनको नोटिस भेजे गए हैं।
वहीं गोरखपुर में नागरिकता संशोधन कानून को लेकर हुए हिंसक प्रदर्शन में शामिल 33 लोगों को पुलिस ने नोटिस भेजा है। उनके खिलाफ नामजद प्राथमिकी दर्ज की गयी है जबकि 1000 अज्ञात लोगों के खिलाफ भी एफआईआर है।
पुलिस ने हिंसा में शामिल लोगों के फोटो जारी किये हैं और ऐलान किया है कि उनके बारे सूचित करने वाले को इनाम दिया जाएगा। पुलिस की ओर से जारी फोटो के आधार पर अन्य कई लोगों को पकड़ा गया है। घर से भागे या फरार लोगों को नोटिस भेजा जा रहा है।
गोरखपुर जिला प्रशासन की एक टीम ने इस बीच हिंसा प्रभावित रेती, नक्खास और घंटाघर इलाकों का दौरा किया और हिंसा के दौरान सार्वजनिक संपत्तियों को हुए नुकसान का जायजा लिया।
दोषियों का पता लगाने के लिए आधुनिक इलेक्ट्रानिक उपकरणों का होगा प्रयोग
कानपुर में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा के मामलों की जांच के लिए बुधवार को विशेष जांच टीम (एसआईटी) का गठन किया गया। बताया जा रहा है कि एसआईटी दोषियों का पता लगाने के लिए आधुनिक इलेक्ट्रानिक उपकरणों का प्रयोग करेगी क्योंकि दंगाइयों ने सोशल मीडिया और व्हाटसऐप का भरपूर इस्तेमाल किया था।
शनिवार को हिंसक प्रदर्शनकारियों ने यतीमखाना पुलिस चौकी को आग के हवाले कर दिया था और पुलिस पर जमकर पथराव किया था ।शुक्रवार को हुए हिंसक प्रदर्शन में दो लोगों की मौत हो गयी थी । भीड को तितर बितर करने के लिए पुलिस को आंसू गैस के गोले दागने पडे और लाठीचार्ज करना पडा।
उत्तर प्रदेश के कई जिलों में नागरिकता कानून के विरोध में बीते गुरूवार से ही हिंसक प्रदर्शन शुरू हो गये थे।इस दौरान कम से कम 17 लोगों की मौत हो गयी । वाहनों को आग के हवाले किया गया और सार्वजनिक संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया गया।