- सातों महाद्वीपों की सातों चोटियों को भारतीय पुलिस सेवा की अधिकारी अपर्णा कुमार ने किया है फतह
- 2002 बैच की यूपी कैडर की अफसर हैं आईपीएस अपर्णा कुमार
- वर्तमान में आईटीबीपी देहरादून ,सेक्टर में डीआईजी के पद पर तैनाती
नई दिल्ली। कहते हैं कि पहाड़ों की ऊंचाइयों को नापना आसान नहीं होता है। बेशक, आसान नहीं होता। लेकिन दिल और दिमाग में जुनून हो तो कुछ भी मुश्किल नहीं होता है। इन सबके बीच अधिकतर लोगों की दलील होती है कि वो तो पहले से किसी जॉब इत्यादि में जुड़े हुए हैं, आखिर वो कहां पहाड़ों की ऊंचाई को नाप सकते हैं। लेकिन यह सब कुछ अर्थहीन हो जाता है जब हम वर्तमान में आईटीबीपी देहरादून सेक्टर में तैनात डीआईजी अपर्णा कुमार की कामयाबी को देखते हैं।
खास शख्सियत, खास कामयाबी
2002 बैच की आईपीएस अधिकारी अपर्णा कुमार के लिए एसपी के तौर पर जिलों में शांति व्यवस्था बनाए रखने की जिम्मेदारी ही प्राथमिकता में थी। लेकिन दिमाग के किसी कोने में कुछ और अलग करने की चाहत जन्म ले रही थी। दिमाग में किसी ख्याल का आना और उसे जमीन पर उतारना आसान नहीं होता है। लेकिन अपर्णा कुमार की जब कामयाबी की कहानी सामने आती है तो पचा चलता है कि वो सिर्फ दिल में अरमानों का पलना ही नहीं था, बल्कि मानसिक मजबूती और शारीरिक साहस ने सातों महाद्वीपों की सातों चोटियों को फतह कर लिया।
अपर्णा कुमार के पति और सहारनपुर मंडल के कमिश्नर संजय कुमार बताते हैं कि किस तरह से 2013 के आसपास अपर्णा कुमार के दिमाग में पहाड़ों को फतह करने का ख्याल आया और वो ख्याल सिर्फ बात या बोली तक सीमित नहीं रहा बल्कि जमीन पर साकार भी हुआ। वो कहते हैं की पीएसी मुरादाबाद, 9वीं बटालियन में जब वो कमांडेंट के तौर पर तैनात थीं वहां से उनके सपनों ने उड़ान भरी और सातों महाद्वीप की सातों चोटियों को फतह कर लिया।
इन चोटियों पर असाधारण कामयाबी
माउंट एवरेस्ट
माउंट किलिमंजारो
कार्सटेंज पिरामिड
माउंट एलब्रस,
विंसफ मैसिफ
माउंट डेनाली
माउंट डेनाली को 2017 में फतह करने की कोशिश की थी। लेकिन खराब मौसम की वजह से करीब साढ़े 16 हजार फीट की ऊंटाई तक पहुंचने के बाद वापस लौटना पड़ा। यही नहीं दूसरी बार की कोशिश में 15 हजार फीट की ऊंचाई से वापस आना पड़ा। लेकिन इतनी चुनौतियों के बाद भी उन्होंने माउंट डेनाली को फतह करने का सपना नहीं छोड़ा,बल्कि मुश्किलों में वो और निखरीं और वर्ष 2019 के जनवरी महीने में माउंट डेनाली कब्जे में था।
'एक बार कदम बढ़ा दिया तो पीछे नहीं हटना'
अपर्णा कुमार से एक टीवी कार्यक्रम में पूछा गया कि आखिर दो बच्चों की मां होने के साथ साथ शासकीय जिम्मेदारियों को निभाते हुए इतनी बड़ी कामयाबी हासिल कैसे की। इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि उनके दिमाग में कहीं न कहीं अपनी नियमित जिम्मेदारियों के अतिरिक्त कुछ अलग करने की चाहत थी और उसके मूर्त रूप देने में उनके पति की अहम भूमिका रही है। उनके पति कहा करते थे कि एक बार जब कदम बढ़ा दिया है तो पीछे नहीं हटना है और यह लाइन ही उनकी कामयाबी का मूल मंत्र बन गया।