- गत 18 जुलाई को शोपियां जिले में सेना ने तीन आतंकियों के मारने का दावा किया था
- सेना ने अपने एक बयान में कहा है कि शुरुआत जांच में अफस्पा का उल्लंघन सामने आया
- सेना प्रमुख ने कहा कि भारतीय सेना अभियान के दौरान पेशेवर आचरण के लिए प्रतिबद्ध है
नई दिल्ली : सेना प्रमुख एमएम नरवणे ने शुक्रवार को कहा कि दक्षिण कश्मीर के शोपियां जिले के अमशीपुरा गांव में हुई मुठभेड़ पर सवाल उठे हैं। इस मामले की निष्पक्ष जांच की जाएगी और इसे तार्किक नतीजे तक ले जाया जाएगा। सेना प्रमुख ने कहा कि भारतीय सेना अभियान के दौरान पेशेवर आचरण के लिए प्रतिबद्ध है। अशांत क्षेत्र में अभियानों के दौरान तय गाइडलाइन का उल्लंघन होने पर सेना जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम करती है। बता दें कि सेना ने 18 जुलाई को तीन आतंकवादियों को मार गिराने का दावा किया था।
अफस्पा के उल्लंघन के 'प्रथम दृष्टया' साक्ष्य मिले
सेना के अधिकारियों का कहना है कि जांच के दौरान 'प्रथम दृष्टया' साक्ष्य मिले हैं कि उसके जवानों ने कश्मीर के शोपियां जिले में हुई एक मुठभेड़ में सशस्त्र सेना विशेषाधिकार कानून (अफस्पा) के तहत मिली शक्तियों का उल्लंघन किया। इस संबंध में अनुशासनात्मक कार्यवाही शुरू की गई है। बता दें कि यह मुठभेड़ जुलाई में हुई थी और इस मुठभेड़ में तीन लोग मारे गए। सुरक्षाबलों ने दावा किया कि उन्होंने 18 जुलाई को तीन आतंकियों को मार गिराया।
सेना ने जारी किया बयान
सेना ने अपने एक बयान में कहा, 'भारतीय सेना अभियान के दौरान नैतिक आचरण के लिए प्रतिबद्ध है। इस मामले में आगे की जानकारी कानून की प्रक्रिया का पालन करते हुए समय समय पर दी जाएगी।' दरअसल, मारे गए परिजनों ने इस मुठभेड़ को फर्जी होने का आरोप लगाया जिसके बाद सेना की तरफ से जांच शुरू हुई। पीड़ित परिजनों का दावा है कि मारे गए लोगों का किसी आतंकवादी संगठन से कोई संबंध नहीं था। पीड़ित परिजन राजौरी के पीरी तहसील के रहने वाले हैं। इनका दावा है कि ये लड़के काम की तलाश में घर से 16 जुलाई को निकले थे। शोपियां पहुंचने पर इन्होंने एक कमरा किराए पर लिया था और लॉकडाउन के दौरान कुछ जरूरी वस्तुओं की खरीदारी की थी। जनरल ऑफिसर कमांडिंग लेफ्टिनेंट जनरल बीएस राजू ने सोशल मीडिया पर आई रिपोर्ट का संज्ञान लेते हुए मामले में एक जांच शुरू की थी।