- जम्मू-कश्मीर की शांति को भंग करने के लिए 300 से ज्यादा आतंकी घुसपैठ के फिराक में
- आशंका है कि इनमें से कई आतंकी हो सकते हैं कोरोना वायरस संक्रमित
- सेना ने सीमा पर तैनात जवानों को अतिरिक्त सतर्कता बरतने के दिए निर्देश
श्रीनगर: जहां एक तरफ पूरी दुनिया कोरोना संकट से जूझ रही है वहीं सीमा पर पाकिस्तान अपनी हरकतों से बाज आने का नाम नहीं ले रहा है। सीमा पर करीब 300 आतंकी भारत में घुसने के लिए तैयार बैठ हैं। खुफिया अर्लट मिलने के बाद भारतीय सेना ने अपने आतंकी रोधी दस्ते को सीमा पर अलर्ट कर दिया है। ये आतंकी पाक अधिकृत कश्मीर (PoK) से भारत में घुसने का इंतजार कर रहे हैं।
कोरोना संक्रमित हो सकते हैं कई आतंकी
दरअसल पाकिस्तान में भी इस समय कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं और पाक अधिकृत कश्मीर में भी इनकी संख्या तेजी से बढ़ रही है। ऐसी स्थिति में सेना के अधिकारियों को आशंका है कि कई आतंकी कोरोना संक्रमित भी हो सकते हैं। घाटी में सेना की 15वीं कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल बीएस राजू ने सैनिकों को नियंत्रण रेखा के समीप गश्त के दौरान सावधानी बरतने का निर्देश दिया है ताकि कोरोन के खतरे को देखते हुए घुसपैठ करने वाले आतंकियों के संपर्क में आने से बचा जा सके।
लश्कर और हिजबुल के आतंकी
आर्मी की फील्ड इंटेलिजेंस यूनिट के साथ HUMINT (मानव खुफिया) और TECHINT (तकनीकी इंटेलिजेंस) से मिली जानकारी के आधार पर पीओके से लगभग 300 आतंकी भारत में प्रवेश के लिए तैयार हैं। इनमें अधिकांश मुख्य रूप से प्रतिबंधित हिजबुल मुजाहिदीन और लश्कर-ए-तैयबा से संबंध रखते हैं। खुफिया इनपुट्स के मुताबिक, हाल के दिनों में पाकिस्तानी आर्मी ने आईएसआई के साथ मिलकर नौशेरा और छम्ब के इलाके में कई आतंकी लॉन्चपैड्स को फिर से एक्टिवेट किया है। ये आतंकी उत्तरी कश्मीर के गुलमर्ग से भारत में घुसने की तैयारी कर रहे हैं।
सेना है चौकस
रिपोर्ट्स में में कहा गया है कि जनरल राजू नियमित रूप से सीमा पर अधिकारियों के साथ बैठक कर रहे हैं। ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोई आतंकवादी एलओसी पार करने के बाद भारत में दाखिल ना हो पाए। सीमा पार से आए आतंकियों को मार गिराने के लिए सेना नए एप्रोच के साथ काम कर रही है।
सावधानी बरतने का आदेश
कोरोना के खतरे को देखते हुए अधिकारियों ने जवानों को सावधानी बरतने का निर्देश दिया है। जवानों को कहा गया है कि वो मुठभेड़ के बाद किसी भी आतंकी के शव को उठाने से पहले अत्यंत सावधानी बरतें क्योंकि वे कोरोना संक्रमित हो सकते हैं। अधिकारियों ने बताया कि विभिन्न सुरक्षा एजेंसियों के बीच समन्वय कायम किया गया है और सेना की टुकड़ी की तैनाती में कुछ बदलाव किए गए हैं।
यहां है आतंकियों का जमावड़ा
अधिकारियों ने कहा कि लीपा घाटी, अथमुक्कम और दुदनियाल में आतंकवादियों का भारी जमावड़ा देखा गया, उत्तरी कश्मीर के केरन सेक्टर ऊंचे इलाके में आतंकी तैयार बैठे हैं, यह वहीं इलाका है जहां पांच अप्रैल को पांच आतंकवादियों के एक समूह ने घुसपैठ की थी और जिन्हें सेना ने मार गिराया था। इस हमले में सेना के जवान भी शहीद हो गए थे। अधिकारियों ने कहा कि दुमैल, सरदारी और ढक्की जैसे लॉन्च पैड, जो आमतौर पर देर से गर्मियों में सक्रिय होते हैं वहां इस बार आतंकी समूहों की मौजूदगी देखी गई है।
आतंकी पहले भी कर चुके हैं इन रास्तों का इस्तेमाल
आतंकियों की मौजूदगी वाले अन्य लॉन्च पैडों में शारदी, नीलम घाटी, नौशेरा और यहां तक कि चौकोटी, खुजा बांदी और हाजी पीर भी शामिल है। इन्ही रास्तों का उपयोग करते हुए आतंकवादियों ने 2016 में उरी सेना शिविर में हमला किया था। 18 सितंबर, 2016 को जब चार आतंकवादी शिविर में घुसे तो 19 सैनिक शहीद हो गए थे। घुसपैठ करने वाले सभी आतंकवादी बाद में मारे गए थे। इस हमले के बाद भारत ने सर्जिकल स्ट्राइक की जिसमें सेना के विशेष बलों ने एलओसी के पार आतंकी शिविरों को ध्वस्त कर दिया था।