Asaduddin Owaisi : ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के मुखिया असदुद्दीन ओवैसी के खिलाफ गुरुवार को दिल्ली में प्राथमिकी दर्ज हुई। भड़काऊ भाषण देने के मामले में दिल्ली पुलिस की आईएफएसओ यूनिट ने उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। एफआईआर में स्वामी यति नरसिम्हानंद का भी नाम है। ओवैसी पर आरोप है कि उन्होंने बुधवार को भड़काऊ भाषण दिया। स्वामी यति नरसिम्हानंद डासना देवी मंदिर के पुजारी हैं। दिल्ली पुलिस की इंटेलिजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रेटेजिक ऑपरेशन यूनिट स्पेशल सेल के अधीन काम करती है। यह यूनिट साइबर क्राइम के सभी जटिल एवं संवेदनशील मामलों को देखती है। नफरत भरे एवं भड़काऊ भाषण देने के मामले में IFSO ने कई लोगों के खिलाफ के मामले दर्ज किए हैं।
इन 31 लोगों पर हुई FIR
- शादाब चौहान
- सबा नकवी
- हफीजुल हसन अंसारी
- बिहार लाल यादव
- इलियास सरफुद्दीन
- मौलाना मुफ्ती नदीम
- अब्दुल रहमान
- आर विक्रमण
- नगमा शेख
- डॉक्टर मोहम्मद कलीम तुर्क
- अतितुर रहमान खान
- शुजा अहमद
- विनिता शर्मा
- इम्तियाज अहमद
- असदुद्दीन ओवैसी
- कुमार दिवाशंकर
- दानिक कुरैशी
- यति नरसिम्हानंद
- स्वामी जितेंद्रानंद
- लक्ष्मण दास
- अनिल कुमार मीना
- काशिफ
- मोहम्मद साजिद शाहीन
- क्यू सेनसेई
- गुलजार अंसारी
- सैफद्दीन कुतुज
- मौलाना सरफराज
- पूजा शकुन पांडे
- पूजा प्रियंवदा
- मिनाक्षी चौधरी
- मसूद फयाज हाशमी
इन सभी आरोपियों पर भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 153, 153 (A), 153 (B), 295 (A), 298, 504, 505 एवं 506 के तहत केस दर्ज हुआ है।
लोगों पर नफरत फैलाने का आरोप
दिल्ली पुलिस का आरोप है कि सभी आरोपी कथित रूप से नफरत के संदेश फैला रहे थे, विभिन्न समूहों को उकसा रहे थे। मालूम हो कि बीते दिनों पैगंबर मोहम्मद पर विवादित टिप्पणी करने पर उठे बवाल के बाद भारतीय जनता पार्टी ने पार्टी प्रवक्ता नुपुर शर्मा को निलंबित कर दिया था। इसके साथ ही दिल्ली मीडिया सेल के प्रमुख नवीन जिंदल को निष्कासित कर दिया था।
नुपूर शर्मा की गिरफ्तारी की मांग
इसके बावजूद भी अभी यह मामला शांत नहीं हो रहा है। ओवैसी सहित मुस्लिम धर्मगुरु नुपूर शर्मा की गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं। कुछ दिनों पहले नुपूर ने अपने आपत्तिजनक बयान के बारे में सफाई भी पेश की। उन्होंने अपने एक ट्वीट में कहा कि 'मैं पिछले कई दिनों से टीवी डिबेट पर जा रही थी, जहां रोजाना मेरे आराध्य शिव जी का अपमान किया जा रहा था। मेरे सामने यह कहा जा रहा था कि वो शिवलिंग नहीं फव्वारा है। दिल्ली के हर फुटपाथ पर बहुत शिवलिंग पाए जाते हैं जाओ जा के पूजा कर लो। मेरे सामने बार-बार इस प्रकार से हमारे महादेव शिव जी के अपमान को मैं बर्दाश्त नहीं कर पाई और मैंने आक्रोश में आकर कुछ चीजें कह दीं। अगर मेरे शब्दों से किसी की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचा हो तो मैं अपने शब्द वापस लेती हूं। मेरी मंशा किसी को कष्ट पहुंचाने की कभी नहीं थी।'