महाराष्ट्र की सियासी ड्रामे में AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने भी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने महाराष्ट्र में राजनीतिक संकट पर कहा कि महा विकास अघाड़ी को इस मामले पर विचार करने दें। हम सामने आ रहे ड्रामे पर नजर बनाए हुए हैं। यह बंदरों के डांस जैसा लगता है। एक डाली से दूसरी डाली में कूदने वाले बंदरों की तरह काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि देखा नहीं जाता लेकिन देख रहा हूं।
गौर हो कि शिवसेना के बागी नेता एकनाथ शिंदे की अगुवाई में शिवसेना के विधायकों के एक गुट द्वारा पार्टी नेतृत्व के खिलाफ मंगलवार को विद्रोह किए जाने से राज्य में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकर के नेतृत्व वाली महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार संकट में घिर गई है। शिवसेना के अधिकतर विधायक एकनाथ शिंदे के खेमे में आ गए हैं और असम की राजधानी गुवाहाटी में डेरा डाले हुए हैं। असम में इस समय शिंदे के साथ शिवसेना के कम से कम 37 और 10 निर्दलीय विधायक हैं। शिंदे ने दावा किया है कि उनके नेतृत्व वाला गुट ही असली शिवसेना है।
बीजेपी के एक सीनियर नेता ने कहा कि महाराष्ट्र में मौजूदा सत्ता संघर्ष केवल राज्य में सत्ता परिवर्तन के लिए नहीं है, बल्कि बीजेपी द्वारा शिवसेना को और अधिक कमजोर किए जाने तथा हिंदुत्व के मुद्दे पर अपनी पकड़ मजबूत करने की दिशा में एक ठोस प्रयास है। उन्होंने कहा कि इस दिशा में पहला कदम शिवसेना के संस्थापक बालासाहेब ठाकरे के आदर्शों को बनाए रखने का संकल्प लेकर एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में शिवसेना के खेमे को मजबूत करना है, ताकि शिवसेना के अधिकतम बागी विधायक शिंदे के पाले में जा सके। बीजेपी नेता कहा कि 2019 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के बाद उद्धव ठाकरे के उस विश्वासघात से बीजेपी बेहद परेशान थी, जब उन्होंने बीजेपी के साथ दशकों पुराने गठबंधन को तोड़ते हुए सरकार बनाने के लिए राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) और कांग्रेस से हाथ मिलाया था। उन्होंने कहा कि केंद्रीय नेतृत्व के निर्देश पर बीजेपी की महाराष्ट्र इकाई के नेता चुप्पी साधे हुए हैं।
Maharashtra Shiv Sena Crisis Live Updates
कोरेगांव सीट से विधायक महेश शिंदे वर्तमान में एकनाथ शिंदे के साथ गुवाहाटी में हैं, जो 21 जून से ठाकरे के खिलाफ बगावत का नेतृत्व कर रहे हैं। एकनाथ शिंदे खेमे की मुख्य मांग यह है कि शिवसेना एमवीए से हट जाए, जिसमें एनसीपी और कांग्रेस भी शामिल हैं। महेश शिंदे ने एक रिकॉर्डेड संदेश में उपमुख्यमंत्री अजित पवार पर विकास निधि आवंटन में शिवसेना विधायकों के साथ भेदभाव करने का आरोप लगाया।