- असम में कांग्रेस सांसद खालिक ने मस्जिद के समीप सूअर मांस बिक्री पर रोक लगाने की मांग की है
- असम सरकार कैटल बिल लाने वाली है इसमें मंदिरों के समीप बीफ बेचे जाने पर रोक लगाई जाएगी
- भाजपा ने कहा कि गाय से सूअर की तुलना नहीं की जा सकती क्योंकि इसकी पूजा कोई नहीं करता है
गुवाहाटी : भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने गुरुवार को कहा कि सूअर की पूजा कोई नहीं करता इसलिए गाय से उसकी कोई तुलना नहीं की जा सकती। भाजपा ने संकेत दिया कि वह मस्जिदों से करीब 500 मीटर की दूरी पर सूअर का मांस बेचे जाने एवं उनके कत्लगाहों पर प्रतिबंध लगाने की मांग का समर्थन नहीं करेगी। बारेपटा से कांग्रेस सांसद अब्दुल खालिक ने मस्जिदों के नजदीक सूअर मांस की बिक्री पर रोक लगाने की मांग की है।
'सूअर की पूजा न हिंदू करते हैं, न मुसलमान'
टीओआई की रिपोर्ट के मुताबिक भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव एवं मंगलदोई से सांसद दिलीप सैकिया ने कहा, 'सूअर की पूजा न तो हिंदू करते हैं और न मुसलमान। गाय माता हमारी संस्कृति और आस्था हैं। गाय को हमारे धर्म से सदियों पहले जोड़ा गया। जानवरों की जीवन में उपयोगिता को देखते हुए उन्हें सुरक्षित किया गया है। गाय का लालन-पालन करना प्रत्येक भारतीय नागरिक की नैतिक जिम्मेदारी है। गाय की तुलना सूअर से करने का कोई औचित्य नहीं है। सरकार ने बीफ पर रोक नहीं लगाई है। सूअर किसी भी समुदाय में पवित्र नहीं माना जाता। खालिक ने जो तर्क दिया है वह सांप्रदायिक है।'
कैटल बिल लाने जा रही है असम सरकार
असम सरकार ने एक कैटल बिल का प्रस्ताव किया है। इस बिल का विरोध करते हुए खालिक ने कहा कि मंदिर के पांच किलोमीटर के दायरे में गायों के बूचड़खानों एवं बीफ की बिक्री पर यदि रोक लगाई जा सकती है तब मस्जिद के 500 मीटर के आसपास सूअर मांस की बिक्री एवं उनके कत्लगाहों पर भी प्रतिबंध लगना चाहिए। क्योंकि इस्लाम में सूअर हराम है।
असम कांग्रेस ने कहा-खालिक का यह 'निजी विचार'
असम कांग्रेस का कहना है कि यह खालिक का 'व्यक्तिगत विचार' है। असम पीसीसी के मीडिया विभाग की चेयरपर्सन बोबिता शर्मा ने कहा, 'हमने अपना आधिकारिक रुख पहले ही स्पष्ट कर दिया है। कांग्रेस की सरकार साल 1950 में कैटल प्रिजरवेशन बिल लेकर आई, ऐसे में काउ प्रोटेक्शन बिल की कोई जरूरत नहीं थी। हमारी पार्टी ने कुछ संशोधन की मांग की है। हमने अपनी मांगों को विधानसभा में रखा है।'