- पीपीई किट ठेका देने को लेकर हिमंता के परिवार पर लगाया है आरोप
- हिमंता ने कहा कि सिसोदिया के आरोप झूठे एवं निराधार हैं
- मानहानि मामले में अपना बयान दर्ज करा चुके हैं असम के सीएम
Manish Sisodia : मानहानि के एक मामले में दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। असम की एक अदालत ने सिसोदिया को 29 सितंबर को अपने यहां पेश होने के लिए समन जारी किया है। यह समन कामरूप जिले की सीजेएम अदालत ने जारी किया है। दिलचस्प बात यह है कि सिसोदिया के खिलाफ मानहानि की यह शिकायत किसी और ने नहीं बल्कि राज्य के सीएम हिमंता बिस्वा सरमा ने दायर कराया है।
सिसोदिया ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में लगाया था आरोप
बता दें कि कुछ महीने पहले सिसोदिया ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में आरोप लगाया था कि असम सरकार ने सीएम सरमा की पत्नी व उनके बेटे के व्यावसायिक भागीदार को पीपीई किट की आपूर्ति का ठेका दिया था। कोरोना महामारी काल में 2020 में यह आपूर्ति पीपीई किट की बाजार दर से ज्यादा दाम पर की गई थी।
उस समय सरकार में स्वास्थ्य मंत्री थे सरमा
सरमा ने खुद पर लगे इन आरोपों को निराधार बताते हुए सिसोदिया के खिलाफ यह मुकदमा दर्ज करवाया था। इससे पहले मानहानि के इस मामले में सरमा गत पांच अगस्त को कामरूप जिला एवं सत्र न्यायालय के समक्ष पेश हुए और अपना बयान दर्ज कराया। सिसोदिया ने जब यह आरोप लगाया उस समय सरमा असम की पहली भाजपा सरकार में स्वास्थ्य मंत्री थे।
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2013 के मानहानि मामले में केजरीवाल, सिसोदिया बरी
बता दें कि इससे पहले दिल्ली की एक अदालत ने शनिवार को दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल, सिसोदिया और आम आदमी पार्टी (आप) के पूर्व नेता योगेन्द्र यादव को मानहानि के एक मामले में बरी कर दिया। यह मामला एक वकील ने 2013 में दायर किया था। अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट विधि गुप्ता आनंद ने कहा कि शिकायतकर्ता और वकील सुरेंद्र कुमार शर्मा (अब मृतक) यह साबित करने में नाकाम रहें कि आरोपियों ने कथित अपराध किए हैं।