- असम में तीन चरणों में होने हैं विधानसभा के चुनाव
- एक सर्वे में मौजूदा मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनेवाल अभी भी बने हुए हैं पसंदीदा सीएम कैंडिडेट
- बीजेपी लगातार दूसरी बार सत्ता वाापसी के लिए लगा रही है जोर
नई दिल्ली: भारत के पूर्वी राज्य असम में बीजेपी पहली बार 2016 में सत्ता में आई और बीजेपी गठबंधन को 126 विधान सभा सीटों में से 86 सीटें मिली थीं। लेकिन के बीजेपी लिए असम में तुरुप का पत्ता साबित हुए सर्बानंद सोनोवाल। सोनोवाल मूलतः आसू से छात्र राजनीति शुरू करते हुए असम गण परिषद की राजनीति में शामिल हुए। लेकिन सोनोवाल की राजनीतिक यात्रा में 2011 टर्निंग पॉइंट साबित हुआ जब उन्होंने एजीपी से इस्तीफा देकर बीजेपी का दामन थाम लिया। और तो और बीजेपी ने सोनोवाल को 2016 के विधान सभा चुनाव में मुख्यमंत्री उम्मीदवार घोषित कर दिया। फिर क्या था बीजेपी को असम चुनाव में असम का ही एक ऐसा नेता मिल गया जिस पर असम के मतदाता ने भी ठोक के अपनी मुहर लगा दी। वही सोनोवाल 2021 में फिर से सत्ता में वापस आने के लिए मतदाताओं से स्वीकृति मांग रहे रहे हैं।
अबकी बार असम में विधान सभा चुनाव 3 फेजों में होने जा रहा है पहला फेज मार्च 27 , दूसरा फेज अप्रैल 1 और तीसरा फेज अप्रैल 6 और वोटों की गिनती होगी मई 2 को ।
अब आते हैं सवाल पर : क्या बीजेपी असम में दोबारा सत्ता में वापस आएगी? इस प्रश्न का उत्तर जानने के लिए पाँच बातों को समझना जरुरी होगा।
पहली बात, सबसे पहले समझते हैं 2016 असम विधान सभा चुनावों का परिणाम
असम विधान सभा में कुल सीटें हैं 126 जिसमें बीजेपी को मिला था 60 सीट और उसके गठबंधन के सदस्यों एजीपी को 14 और बीपीएफ को 12 सीटें मिली थी। यानि बीजेपी गठबंधन को कुल 86 सीटें मिलीं और पहली बार बीजेपी असम में सत्ता में आ गई। दूसरी तरफ, तरुण गोगोई के नेतृत्व में कांग्रेस 15 साल सत्ता में रहने के बाद करारी हार हारते हुए सिर्फ 26 सीटों पर सिमट के रह गई। बदरुद्दीन अज़मल की पार्टी एआईयूडीएफ को 13 सीटें मिली और अन्य के खाते में गई 1 सीट।
2016 असम विधान सभा चुनाव
पार्टी | सीट |
बीजेपी | 60 |
एजीपी | 14 |
बीपीएफ | 12 |
कांग्रेस | 26 |
एआईयूडीएफ | 13 |
निर्दलीय | 1 |
कुल | 126 |
दूसरी बात, अब समझते हैं 2019 असम लोक सभा चुनाव परिणाम को। हुआ क्या ये भी जानना जरुरी है?
विधान सभा चुनाव की तरह ही बीजेपी लोक सभा चुनाव में भी 14 से से 9 सीट पाकर सबसे बड़ा अधिक फायदे में रही। दूसरी तरफ कांग्रेस को 3, एआईयूडीएफ को 1 सीट से से संतोष करना पड़ा और 1 सीट गई अन्य के खाते में।
2019 असम लोक सभा चुनाव
पार्टी | सीट |
बीजेपी | 9 |
कांग्रेस | 3 |
एआईयूडीएफ | 1 |
निर्दलीय | 1 |
कुल | 14 |
तीसरी बात , ये भी समझना बहुत जरुरी है कि यदि 2019 लोक सभा के रिजल्ट को असेंबली लीड में बदल दें तो सीन क्या बनेगा?
2019 असम लोक सभा चुनाव परिणाम में असेंबली लीड
पार्टी | सीट (असेंबली 2016) | सीट (लोक सभा 2019) | नफा/नुकसान |
बीजेपी | 60 | 67 | +7 |
एजीपी | 14 | 11 | -3 |
बीपीएफ | 12 | 4 | -8 |
कांग्रेस | 26 | 26 | 0 |
एआईयूडीएफ | 13 | 12 | -1 |
निर्दलीय | 1 | 6 | +5 |
चौथी बात , अब समझते हैं कि सी-वोटर का ओपिनियन पोल क्या कहता है ?
सी-वोटर का ओपिनियन पोल
पार्टी | सीट |
बीजेपी + | 72 |
कांग्रेस + | 47 |
अन्य | 7 |
कुल | 126 |
पांचवीं और आखिरी बात, सबसे पॉपुलर सीएम कैंडिडेट कौन?
सी वोटर ने अपने ओपिनियन पोल में ये भी पूछा है कि असम विधान सभा चुनाव में सबसे पॉपुलर सीएम कैंडिडेट कौन है ?
सबसे पॉपुलर मुख्यमंत्री कैंडिडेट
सर्बानंद सोनोवाल | 44% |
गौरव गोगोई | 26% |
हेमंत विस्वा शर्मा | 15% |
सबसे पॉपुलर मुख्यमंत्री कैंडिडेट बीजेपी के सर्बानंद सोनोवाल हैं जिन्हें असम की 44 फीसदी लोग बेस्ट मानते हैं। दूसरे नंबर पर हैं पूर्व मुख्यमंत्री तरुण गोगोई के पुत्र गौरव गोगोई जिन्हें 26 फीसदी लोग पसंद करते हैं और तीसरे नंबर पर हैं बीजेपी के ही हेमंत विस्वा शर्मा जिन्हें 15 फीसदी लोग सीएम कैंडिडेट मानते हैं।
यानि 2019 लोक सभा चुनाव का परिणाम और अबकी बार का सी - वोटर का अनुमान यही कहता है कि बीजेपी असम में सत्ता में वापस आ रही है। लेकिन ये तो है अनुमान, असली परिणाम के लिए इंतज़ार करना होगा मई 2 का जब पता चलेगा कि बीजेपी सत्ता में वापस आयी या नहीं आयी और तब तक करना होगा इंतज़ार।