- गृह मंत्री अमित शाह ने इसे पूर्वोत्तर के लिए 'ऐतिहासिक दिन' करार दिया
- असम और मेघालय ने छह स्थानों पर सीमा विवाद को सुलझाने के लिए समझौते पर हस्ताक्षर किए: अमित शाह
- असम-मेघालय सीमा के 6 शेष क्षेत्रों में विवाद जल्द ही हल हो जाएंगे: गृह मंत्री
असम के मुख्यमंत्री हेमंत बिस्वा सरमा और मेघालय के सीएम कोनराड के संगमा ने दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की उपस्थिति में 50 साल पुराने असम-मेघालय सीमा विवाद को हल करने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए। हेमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि यह हमारे लिए ऐतिहासिक दिन है। इस एमओयू के बाद अगले 6-7 महीनों में बाकी विवादित स्थलों की समस्या का समाधान करने का हमारा लक्ष्य है। हम पूर्वोत्तर क्षेत्र को देश में विकास का इंजन बनाने की दिशा में काम करेंगे।
कोनराड के संगमा ने कहा कि सबसे पहले मैं गृह मंत्री अमित शाह को धन्यवाद देना चाहता हूं कि उन्होंने हमें पूर्वोत्तर राज्यों में सीमा विवादों को सुलझाने का निर्देश दिया। आज संकल्प का पहला चरण हो चुका है। यह असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा के कारण ही संभव हो सका। मैं समिति के सभी सदस्यों और दोनों राज्यों के अधिकारियों को भी धन्यवाद देना चाहता हूं। हम अपने राज्यों के बीच और मतभेदों को जल्द से जल्द सुलझाने की कोशिश करेंगे।
वहीं अमित शाह ने कहा कि 2014 से मोदी जी ने पूर्वोत्तर क्षेत्र के विकास के लिए कई प्रयास किए हैं। आज मैं असम के सीएम और मेघालय के सीएम और उनकी टीमों को उनके सीमा विवाद को सुलझाने के लिए समझौते पर हस्ताक्षर करने पर बधाई देता हूं। आज असम और मेघालय के बीच 50 साल पुराना लंबित सीमा विवाद सुलझ गया है। विवाद के 12 में से 6 बिंदुओं को सुलझा लिया गया है, जिसमें लगभग 70% सीमा शामिल है। शेष 6 बिंदुओं का जल्द से जल्द समाधान किया जाएगा।
मिजोरम और नागालैंड से भी बातचीत शुरू हुई
हेमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि गृह मंत्री ने असम और अरुणाचल प्रदेश के बीच सीमा विवादों को भी सुलझाने का अनुरोध किया। मैंने अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री के साथ बैठक की जहां हमने 122 विवादित बिंदुओं को निपटाने के लिए एक रोड मैप बनाया। मिजोरम और नागालैंड के सीएम से शुरुआती चर्चा शुरू हो चुकी है।
ये हुआ समझौता
36.79 वर्ग किमी भूमि के लिए प्रस्तावित सिफारिशों के अनुसार, असम 18.51 वर्ग किमी रखेगा और शेष 18.28 वर्ग किमी मेघालय को देगा। लंबे समय से चले आ रहे भूमि विवाद की शुरुआत 1972 में हुई थी जब मेघालय को असम से अलग कर दिया गया था।