- हिंसा के बाद असम-मिजोरम सीमा पर तनाव
- मुख्यमंत्रियों के बीच ट्विटर पर आरोप-प्रत्यारोप
- मिजोरम की ओर से उपद्रवियों द्वारा की गई गोलीबारी में असम पुलिस के छह कर्मियों की मौत: असम सीएम
नई दिल्ली: असम-मिजोरम सीमा पर हुई हिंसा बढ़ गई है। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने ट्वीट कर जानकारी दी है कि असम-मिजोरम सीमा तनाव में असम पुलिस के छह जवानों की जान चली गई है। उन्होंने लिखा, 'मुझे यह बताते हुए बहुत दुख हो रहा है कि असम पुलिस के छह बहादुर जवानों ने असम-मिजोरम सीमा पर हमारे राज्य की संवैधानिक सीमा की रक्षा करते हुए अपने प्राणों की आहुति दे दी है। शोक संतप्त परिवारों के प्रति मेरी हार्दिक संवेदना।' असम के कछार जिले के पुलिस अधीक्षक निंबालकर वैभव चंद्रकांत, मिजोरम की ओर से उपद्रवियों द्वारा की गई गोलीबारी में घायल हुए, उनके पैर में गोलियां लगीं।
असम के मंत्री परिमल शुक्लाबैद्य ने कहा, 'गोलीबारी में असम पुलिस के 6 जवानों की मौत हो गई और करीब 80 लोग घायल हो गए। हमारी तरफ से कोई फायरिंग नहीं हुई। मिजोरम की ओर से जलियांवाला बाग में अंग्रेजों द्वारा की गई फायरिंग के समान थी।'
पहले खबर आई थी कि मिजोरम-असम की सीमा पर अज्ञात बदमाशों द्वारा किसानों की आठ झोपड़ियां जला दिए जाने से तनाव पैदा हो गया। असम पुलिस ने सोमवार को आरोप लगाया था कि मिजोरम के बदमाशों ने पथराव किया और असम के सरकारी अधिकारियों पर हमला किया। पुलिस ने कहा, 'यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि मिजोरम के बदमाश असम की जमीन को अतिक्रमण से बचाने के लिए लैलापुर में तैनात असम सरकार के अधिकारियों पर पथराव और हमला कर रहे हैं।'
पुलिस की ये प्रतिक्रिया मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरमथांगा द्वारा सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर करने के बाद आई थी जिसमें स्थानीय लोगों के एक समूह को पुलिस अधिकारियों के साथ झड़प करते देखा जा सकता था। जोरामथांगा ने ट्विटर पर झड़प का वीडियो साझा करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मामले को देखने का आग्रह किया। उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा कि निर्दोष दंपत्ति कछार के रास्ते मिजोरम वापस जा रहे थे और ठगों और गुंडों द्वारा तोड़फोड़ की गई। आप इन हिंसक कृत्यों को कैसे सही ठहराने जा रहे हैं?
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने भी ट्विटर पर हिंसा का वीडियो ट्वीट किया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह से सीमा पर हुई हिंसा में हस्तक्षेप करने की मांग की। उन्होंने ट्वीट किया, 'माननीय जोरमथांगा सीएम जी, कोलासिब (मिजोरम) एसपी हमें अपनी पोस्ट से हटने के लिए कह रहे हैं, तब तक उनके नागरिक न सुनेंगे और न ही हिंसा रोकेंगे। हम ऐसी परिस्थितियों में सरकार कैसे चला सकते हैं? आशा है कि आप प्रधानमंत्री और गृह मंत्री अमित शाह जल्द से जल्द हस्तक्षेप करेंगे।
शिलांग में सभी पूर्वोत्तर राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ अमित शाह की मुलाकात के दो दिन बाद ताजा हिंसा भड़क उठी। सरमा के ट्वीट का जवाब देते हुए जोरमथांगा ने ट्वीट किया, 'प्रिय हिमंतजी, माननीय श्री अमित शाह जी द्वारा मुख्यमंत्रियों की सौहार्दपूर्ण बैठक के बाद आश्चर्यजनक रूप से असम पुलिस की 2 कंपनियों ने नागरिकों के साथ लाठीचार्ज किया और नागरिकों पर आंसू गैस के गोले छोड़े। उन्होंने सीआरपीएफ कर्मियों/मिजोरम पुलिस को भी नहीं छोड़ा।' सरमा ने बाद में अपने मिजोरम समकक्ष से बात की और दोहराया कि असम दोनों राज्यों की सीमाओं के बीच यथास्थिति और शांति बनाए रखेगा। सरमा ने कहा, 'मैंने तुरंत माननीय मुख्यमंत्री जोरामथांगा जी से बात की। मैंने कहा है कि असम सीमा पर यथास्थिति तथा शांति बनाए रखेगा। मैंने आइजोल का दौरा करने और जरूरत पड़ने पर इन मुद्दों पर चर्चा करने की इच्छा जताई है।'
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मिजोरम के मुख्यमंत्री ने सरमा से नागरिकों की सुरक्षा के लिए असम पुलिस को वैरेंगटे से हटने का निर्देश देने के लिए भी कहा। इस बीच खबर है कि गृह मंत्री अमित शाह ने क्रमशः असम और मिजोरम के मुख्यमंत्रियों, हिमंत बिस्वा सरमा और जोरमथांगा से बात की और उनसे विवादित सीमा पर शांति सुनिश्चित करने और सौहार्दपूर्ण समाधान खोजने का आग्रह किया। असम की बराक घाटी के जिले कछार, करीमगंज और हाइलाकांडी की 164 किलोमीटर लंबी सीमा मिजोरम के तीन जिलों आइजोल, कोलासीब और मामित के साथ लगती हैं। जमीन विवाद के बाद के अगस्त 2020 और इस वर्ष फरवरी में अंतरराज्यीय सीमा के पास संघर्ष हुए।