- महाराष्ट्र के औरंगाबाद में दर्दनाक ट्रेन हादसा, 16 मजदूरों की मौत
- थककर पटरी पर ही सो गए थे मजदूर, एक आस और टूट गई सांस
- अधिकतर मजदूर मध्य प्रदेश के, शुक्रवार सुबह हुआ ये हादसा
औरंगाबाद: देशभर में कोरोना संकट के बीच महाराष्ट्र के औरंगाबाद (Aurangabad Train Accident) जिले में शुक्रवार सुबह एक दर्दनाक हादसा हो गया और मालगाड़ी की चपेट में आने के बाद 16 प्रवासी मजदूरों की मौत हो गई। जालना से भुसावल की ओर पैदल जा रहे मजदूर मध्य प्रदेश लौट रहे थे। जिन पटरियों की बदौलत घर जाने की उम्मीद थी वहीं पटरियां मौत की कब्रगाह बन गईं। ये सभी मजदूर रेल की पटरियों के किनारे चल रहे थे और थकान के कारण पटरियों पर ही सो गए थे। यह हादसा सुबह सवा पांच बजे हुआ।
कहां पता था कि ये अंतिम सफर होगा
जो जानकारी निकलकर आ रही है ये मजदूर एक स्टील प्लांट में काम करते थे और लॉकडाउन की वजह से ट्रेन की पटरियों से होते हुए अपने घर जा रहे थे। लगभग 40 किलोमीटर पैदल दूरी तय करने के बाद जब ये मजदूर थक गए तो सभी रेल की पटरी पर सो गए। मजदूरों को भी कहां पता था कि उनकी जिंदगी का सफर रेल की पटरियों पर ही खत्म हो जाएगा। हादसे की जो दर्दनाक तस्वीरें सामने आईं हैं उन्हें हम यहां दिखा भी नहीं सकते।
पटरी पर बिखरी हुईं थी रोटियां
हादसे के बाद पटरी पर जो मंजर था वो डराने वाला था। हर तरफ लाशें और मजदूरों का सामना पड़ा था। इसके अलावा पटरियों पर रोटियां बिखरी थी जो शायद मजदूर अपने साथ रास्ते का भोजन लाए होंगे। दक्षिण सेंट्रले रेलवे के पीआरओ का कहना है कि औरंगाबाद में कर्माड के पास एक हादसा हुआ है, जहां मालगाड़ी का एक खाली डब्बा कुछ लोगों के ऊपर चल गया है और हादसे में पटरी पर सो रहे मजदूर मारे गए।
ड्राइवर ने की थी पूरी कोशिश
हादसे के बाद रेल मंत्रालय ने भी एक बयान जारी किया। रेलवे ने ट्वीट करते हुए बताया, 'घटना बदनापुर और करनाड स्टेशन के बीच की है। यह इलाका रेलवे के परभणी-मनमाड़ सेक्शन में आता है। शुक्रवार तड़के मजदूर रेलवे ट्रैक पर सो रहे थे। मालगाड़ी के ड्राइवर ने उन्हें देख लिया था, बचाने की कोशिश भी की लेकिन हादसे को टाला नहीं जा सका। मामले की जांच के आदेश दे दिए गए हैं।'
मध्य प्रदेश सरकार देगी पांच-पांच लाख रुपये
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने महाराष्ट्र के औरंगाबाद में ट्रेन दुर्घटना में 14 प्रवासी मजदूरों की मौत पर दुख जताया और रेल मंत्री पीयूष गोयल से त्वरित जांच और उचित व्यवस्था की मांग की। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार की तरफ से हरेक मृतक श्रमिक के परिजनों को पांच-पांच लाख रूपये की आर्थिक मदद दी जाएगी।