नई दिल्ली: देश कोरोना संकट से जूझ रहा है और इससे निपटने रे लिअ केंद्र सरकार से लेकर राज्य सरकारें भी पूरे जी जान से लगी हैं,इसको रोकने के लिए देश में लॉकडाउन जारी है और सारी गतिविधियां ठप्प सी पड़ी हैं, क्या ट्रेन, क्या बस और क्या प्लेन सभी पर रोक लगी है, मगर अब जब लॉकडाउन-3 की मियाद 17 मई को खत्म हो रही है तो धीरे धीरे इसपर से रोक हटाई जा रही है।
बात करते हैं देश की फ्लाइट सेवा (Flight Services) की तो कमर्शल फ्लाइट्स 25 मार्च से ही निलंबित हैं यानि प्लेन का मूवमेंट नहीं हो रहा है, वहीं 12 मई से कुछ स्पेशल ट्रेन कुछ रुटस पर शुरु की गई हैं इसके बाद सभी की निगाहें प्लेन ऑपरेशन्स पर लगी हैं कि ये सेवा कब शुरु हो रही है।
मीडिया रिपोर्टों की मानें तो सरकार फ्लाइट ऑपरेशन्स को लेकर योजना बना रही है और कहा जा रहा है कि एयर इंडिया 19 मई से आंशिक तौर पर घरेलू उड़ानों को शुरू करने जा रही है। एयर इंडिया देश में फंसे लोगों के लिए 19 मई से 2 जून तक एक विशेष अभियान चलाने जा रही है।
कोरोना संकट में अब सबकुछ पहले जैसा नहीं
ये तो साफ है कि कोरोना संकट में अब सबकुछ पहले जैसा नहीं रह जाएगा, लॉकडाउन के बाद व्यावसायिक उड़ान सेवा फिर से शुरू करने के लिए पहले चरण में कोविड-19 से संबंधित विस्तृत प्रश्नावली भरना, केबिन में सामान नहीं ले जाना, आरोग्य सेतु ऐप का उपयोग करना और विमान प्रस्थान के समय से कम से कम दो घंटे पहले हवाईअड्डे पर पहुंचना अनिवार्य किया जा सकता है।
नागर विमानन मंत्रालय ने देश में व्यावसायिक हवाई यात्रा सेवा फिर से शुरू करने के लिए मसौदा मानक परिचालन प्रक्रियाएं (SOP) तैयार की हैं। कोरोना वायरस संक्रमण की रोकथाम के लिए लागू लॉकडाउन के कारण 25 मार्च से घरेलू हवाई यातायात निलंबित चल रहा है।घरेलू हवाई यात्रा करने वाले सभी लोगों के लिए आरोग्य सेतु ऐप में ग्रीन स्टेटस, वेब चैक-इन और तापमान की जांच का प्रस्ताव किया गया है।
संक्रमण कम करने के लिए अपनाए जायेंगे कई उपाय
मसौदा एसओपी की प्रति के अनुसार, इसमें एक उड़ान में एक ही केबिन और कॉकपिट कर्मी दल को लंबे समय तक रखने पर भी विचार किया गया है ताकि उनमें आपस में संक्रमण का जोखिम कम हो। मसौदा एसओपी केवल यात्रियों के लिए ही नहीं, बल्कि सुरक्षा एजेंसियों, विमान पत्तन संचालकों के अनुपालन के लिए भी सुझाये गये हैं जिनमें हवाईअड्डे के प्रवेश द्वारों पर पहचान पत्र की जांच नहीं करना और सामाजिक दूरी के नियमों का पालन करना शामिल है।
एक अन्य सुझाव में चिकित्सकीय आपात स्थिति वाले किसी यात्री को अलग बैठाने के लिए विमान की तीन कतारों को खाली रखना भी शामिल है। सूत्रों के अनुसार, एयरलाइन्स और विमान पत्तन संचालकों समेत सभी पक्षों के साथ विचार-विमर्श के बाद मसौदा एसओपी तैयार किया गया है। इस पर हितधारकों से सुझाव मांगे गए हैं।
यात्रियों से मांगी जाएंगी कई तरह की जानकारियां
गौर करने वाली बात है कि इस मसौदा एसओपी में सामाजिक दूरी बनाकर रखने के लिए विमान की बीच वाली सीट को खाली रखने के बारे में कुछ नहीं कहा गया है। मानन नियामक डीजीसीए ने मार्च में व्यावसायिक उड़ान सेवाएं स्थगित होने से पहले ही बीच की सीट को खाली रखने का सुझाव दिया था।
इसमें कहा गया है, 'यात्रियों को एक प्रश्नावली दी जाए और पिछले कम से कम एक महीने में कोविड-19 के संबंध में या यदि वे पृथक-वास में रहे हैं तो उसके संबंध में जानकारी यात्रा से पहले ही भरवाई जाए।'
दस्तावेज के मुताबिक, 'पिछले एक महीने में पृथक-वास में रहे किसी यात्री को अलग से बनाई गयी सुरक्षा जांच इकाई के पास ही सुरक्षा जांच के लिए भेजा जाए।'
इसमें कहा गया है कि यात्रियों को सामान संबंधी सीमाओं की भी जानकारी होनी चाहिए। उन्हें आरोग्य सेतु ऐप पर पंजीकरण कराना चाहिए तथा हवाईअड्डे पर पहुंचने के लिए अधिकृत टैक्सियों से पहुंचना चाहिए।
मंत्रालय का यह भी सुझाव है कि जिन यात्रियों को शारीरिक तापमान अधिक होने या उम्र आदि की वजह से यात्रा की अनुमति नहीं दी जाती, उन्हें बिना अतिरिक्त शुल्क के तिथि बदलने की अनुमति होनी चाहिए।