- प्रधान न्यायाधीश की मौजूदगी में धवन ने फाड़ा मंदिर का नक्शा, मामले ने तूल पकड़ा
- शिकायतकर्ता ने संसद मार्ग थाने में दर्ज कराई शिकायत, कहा-इससे धार्मिक भावना को ठेस पहंची
- सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के अंतिम दिन हिंदू पक्ष ने पेश किया था मंदिर का नक्शा
नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या राम मंदिर प्रकरण की सुनवाई के दौरान मंदिर का नक्शा फाड़कर फेंकने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। भारत के मुख्य न्यायाधीश की मौजूदगी में भरी सर्वोच्च अदालत में राम मंदिर का नक्शा फाड़ने वाले देश के मशहूर वकील राजीव धवन के खिलाफ नई दिल्ली जिले के संसद मार्ग थाने में शिकायत दी गई है। शिकायत कर्ता अभिषेक दुबे की तरफ से नई दिल्ली के पुलिस उपायुक्त को संबोधित शिकायत संसद मार्ग थाने में शुक्रवार (18 अक्टूबर, 2019) को दी गई।
शिकायतकर्ता ने आईएएनएस से कहा, राजीव धवन जैसे देश के इतने वरिष्ठ वकील से यह उम्मीद नहीं थी कि वह भरी सर्वोच्च अदालत के भीतर इस तरह देश के कानून का मखौल उड़ाएंगे। उन्होंने जो किया वह कदापि बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है। जब देश के कानून के रखवाले ही इस तरह की बेहूदा हरकतें पब्लिकसिटी बटोरने के लिए करने लगेंगे तो फिर कानून की रक्षा भला कौन और कैसे करेगा?
दिल्ली भाजपा के पूर्वांचल मोर्चा आईटी सोशल मीडिया सेल के संयोजक और शिकायतकर्ता अभिषेक दुबे ने अपनी शिकायत में लिखा है, 16 अक्टूबर, 2019 को राम मंदिर मामले में चल रही सुनवाई के अंतिम दिन सर्वोच्च न्यायालय में अधिवक्ता राजीव धवन द्वारा राम मंदिर का नक्शा फाड़ कर फेंका गया था। जिसके कारण देश में अराजकता फैलाने की कोशिश की गई है।
पुलिस को दी गई शिकायत के मुताबिक, वकील राजीव धवन की इस हरकत से देश को धार्मिक ठेस पहुंचाने की कोशिश की गई है। यह हिंदू महासभा को भी नीचा दिखाने की कोशिश है।
इस सिलसिले में आईएएनएस ने नई दिल्ली जिला पुलिस उपायुक्त ईश सिंघल से बात की। डीसीपी ने कहा, हां, शिकायत मिली है। चूंकि शिकायत मेरे पदनाम से संबोधित थी, इसीलिए उसे मैंने अपने ऑफिस के पास स्थित थाना संसद मार्ग में रिसीव करा दिया है।
क्या आरोपी वकील राजीव धवन के खिलाफ एफआईआर दर्ज हो गई है? डीसीपी नई दिल्ली ने कहा, नहीं, अभी एफआईआर दर्ज नहीं हुई है। शिकायत में दिए बिंदुओं पर कानूनी पक्ष पर हम लोग विचार कर रहे हैं। इस मामले में वरिष्ठ अधिकारियों से भी बात करने के बाद ही कोई ठोस कार्रवाई शुक्रवार शाम तक हो पाने की संभावना है।
सुप्रीम कोर्ट का थाना तो तिलक मार्ग लगता है, जबकि शिकायतकर्ता ने शिकायत संसद मार्ग थाने में दी है। ऐसे में पुलिस क्या करेगी? जिला डीसीपी ने कहा, चूंकि मेरे ऑफिस के पास संसद मार्ग थाना मौजूद है। बस इसलिए वहां शिकायत प्राप्त करवा दी गई है। केस दर्ज होने की स्थिति में सब कुछ तिलक मार्ग थाने में ही किया जाएगा।