- राम मंदिर के निर्माण में 1800 करोड़ रुपए खर्च होंगे : ट्रस्ट
- 2024 में होगी भगवान राम लला की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा!
- साधु-संतों की प्रतिमाओं को मंदिर परिसर में दिया जाएगा स्थान
अयोध्या (उत्तर प्रदेश): अयोध्या में भव्य राम मंदिर के निर्माण में 1800 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है। मंदिर निर्माण के लिए गठित संस्था श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने रविवार को यह जानकारी दी। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर राम मंदिर निर्माण के लिए गठित किए गए ट्रस्ट ने यहां चली लंबी बैठक के बाद ट्रस्ट के नियम और कायदों को अनुमोदन दिया।
1800 करोड़ होंगे खर्च
ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि फैजाबाद सर्किट हाउस में आयोजित इस बैठक में ट्रस्ट के सदस्यों ने सर्वसम्मति से यह फैसला किया कि राम जन्मभूमि परिसर में हिंदू धर्म से जुड़ी महान विभूतियों और साधु-संतों की प्रतिमाओं को भी स्थान दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि विशेषज्ञों द्वारा पेश की गई रिपोर्ट के आधार पर लगाए गए ट्रस्ट के अनुमान के मुताबिक राम मंदिर निर्माण पर 1800 करोड़ रुपए खर्च होंगे।
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मक्रर संक्रांति को होगी प्राण प्रतिष्ठा
राय ने बताया कि लंबे अरसे तक सोच विचार और राम मंदिर निर्माण से जुड़े सभी लोगों के तमाम सुझावों पर आज की बैठक में ट्रस्ट से जुड़े नियम कायदों और बाइलॉज को अंतिम रूप दिया गया। उन्होंने बताया कि इस बैठक में ट्रस्ट के 15 में से 14 सदस्यों ने हिस्सा लिया जिनमें निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र, ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास, कोषाध्यक्ष गोविंद देव गिरी, उडुपी पीठाधीश्वर विश्व तीर्थ प्रसन्नाचार्य प्रमुख रूप से शामिल थे।
राम जन्मभूमि परिसर में भव्य मंदिर का निर्माण कार्य तेजी से किया जा रहा है और इसके दिसंबर 2023 तक बनकर तैयार हो जाने का अनुमान है व मंदिर में जनवरी 2024 (मकर संक्राति) तक भगवान राम लला की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा हो जाने की संभावना है।