नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यीय बेंच द्वारा शनिवार को रामलला विराजमान के पक्ष में फैसला सुनाते हुए अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण का रास्ता साफ कर दिया है। ऐसे में राम मंदिर बनाने की पुरजोर वकालत करने वाले सांसद सुब्रह्मण्यम स्वामी ने कोर्ट के फैसले पर नाखुशी जताने वाले असदुद्दीन ओवैसी को करारा जवाब दिया है।
ओवेसी ने फैसले पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि सुप्रीम कोर्ट इज सुप्रीम बट नॉट इम्फेलेबल यानी सुप्रीम कोर्ट सर्वोच्च जरूर है लेकिन वो भी गलतियों से परे नहीं है। उन्होंने ये बात पूर्व सीजेआई जस्टिस जेएस वर्मा के कथन को कोट करते हुए कही थी। ऐसे में सुब्रह्मण्यम स्वामी ने को लोकतंत्र में विश्वास रखने की सलाह दी है।
सुब्रह्मण्यम स्वामी ने कहा कि ओवैसी से भी भूल हो सकती है वो भी इम्फेलेबल हो सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने जो आदेश दिया है उस पर उन्हें विश्वास जताना चाहिए। यह भी लोकतंत्र में विश्वास करना है।
स्वामी से जब ये पूछा गया कि ओवेसी ने कहा कि कि यह बड़ी विडंबना है कि जिन लोगों ने बाबरी मस्जित का विध्वंश किया कोर्ट ने उन्हें ही मंदिर के निर्माण के लिए ट्रस्ट का गठन करने की जिम्मेदारी दी है। इसके जवाब में उन्होंने कहा नरेंद्र मोदी, अमित शाह और मेरे खिलाफ कोई मामला दर्ज नहीं है।
हालांकि स्वामी सितंबर में अपने 80वें जन्मदिन के मौके पर रामलला के दर्शन के लिए अयोध्या पहुंचे थे। उन्होंने उस दौरान यह भविष्यवाणी की थी कि नवंबर के बाद अयोध्या में राममंदिर का निर्माण शुरू हो जाएगा और अब उनकी ये भविष्यवाणी सच साबित होती दिख रही है। कोर्ट ने केंद्र सरकार को तीन महीने के अंदर ट्रस्ट के निर्माण करने के लिए कहा है।