नई दिल्ली : जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में 14 फरवरी, 2019 को सीआरपीएफ काफिले पर आतंकी हमले के बाद भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के बालाकोट में एयर स्ट्राइक कर जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी ठिकाने को तबाह कर दिया था। अब पुलवामा हमले की बरसी पर पाकिस्तान बड़ी साजिश की फिराक में है। बताया जा रहा है कि इसके लिए 27 आतंकियों को प्रशिक्षण दिया है और उन्हें भारत पर हमले के लिए तैयार किया जा रहा है।
पुलवामा में 14 फरवरी को हुए आतंकी हमले के बाद भारतीय वायुसेना ने 26 फरवरी को पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत स्थित बालाकोट में जैश के ठिकाने पर एयरस्ट्राइक किया था, जिसने इस हमले की जिम्मेदारी ली थी। इसके बाद अगले ही दिन 27 फरवरी को पाकिस्तान की ओर से भारतीय वायु सीमा के अतिक्रमण की कोशिश की गई, जिसे भारतीय वायुसेना के जांबाज विंग कमांडर अभिनंदन वर्तमान ने नाकाम कर दिया था। हालांकि इस क्रम में उनका विमान भी क्षतिग्रस्त हो गया था और वह गलती से पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में जा पहुंचे थे, जहां से पाकिस्तान की सेना ने उन्हें हिरासत में ले लिया था। कूटनीतिक प्रयासों के बीच 1 फरवरी को पाकिस्तान ने उन्हें भारत को सौंप दिया था।
बड़े हमले की साजिश
एक रिपोर्ट के मुताबिक, अब एक बार फिर पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन भारत के खिलाफ बड़े आतंकी हमले की साजिश कर रहा है, जिसे लेकर खुफिया सूत्रों ने आगाह किया है। इसके मुताबिक, फिलहाल जैश की अगुवाई आतंकी मसूद अजहर का रिश्तेदार यूसुफ अजहर कर रहा है। जिन 27 लोगों को भारत पर हमले के लिए प्रशिक्षण दिए जाने की बात सामने आ रही है, उनमें से 8 पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से बताए जा रहे हैं। उन्हें प्रशिक्षण देने वालों में से दो पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के और तीन अफगानिस्तान के आतंकी बताए जा रहे हैं। उनका प्रशिक्षण इसी सप्ताह समाप्त हो जाने की बात कही जा रही है, जिसके बाद वे भारत में घुसपैठ की कोशिश करेंगे।
नहीं मिला अंतरराष्ट्रीय समर्थन
यह रिपोर्ट ऐसे समय में आई है, जबकि जम्मू एवं कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अहम प्रावधानों को निरस्त करने और इसे दो केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में बांटने के भारत सरकार के 5 अगस्त, 2019 के फैसले के बाद से पाकिस्तान बौखलाया हुआ है। इमरान खान की अगुवाई वाली पाकिस्तान की सरकार हर तरह से असहाय महसूस कर रही है। उसे इस मुद्दे पर न तो अंतरराष्ट्रीय समर्थन मिला और न ही घरेलू मोर्चे पर विपक्षी दलों का सहयोग। उल्टे विपक्ष ने इस मुद्दे पर बार-बार इमरान सरकार को कमजोर बताया।
पाकिस्तान की छटपटाहट
पाकिस्तान के कट्टरपंथियों में भी इसे लेकर छटपटाहट देखी जा रही है। पाकिस्तान की एसेम्बली में ऐसी मांग भी उठ चुकी है कि इमरान सरकार 10 फरवरी के बाद भारत के खिलाफ युद्ध शुरू करने का ऐलान कर दे। यह अपील जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम (एफ) की ओर से शुरू की गई थी, जिसने एसेम्बली में इमरान सरकार से कहा कि वह भारत के खिलाफ 'जिहाद' शुरू करने की आधिकारिक तौर पर घोषण करे। जेयूआईएफ का यह बयान पाकिस्तान की बौखलाहट को दर्शाता है, जिससे साफ लगने लगा है कि कश्मीर पर उसके प्रोपगैंडा का अब पर्दाफाश हो रहा है।