नयी दिल्ली: नया संसद भवन मिर्जापुर के बुनकरों द्वारा हाथ से बुने गए खूबसूरत कालीन, मध्य प्रदेश तथा राजस्थान से मंगाए गए पत्थरों और महाराष्ट्र के सागवान की लकड़ी से बने फर्नीचर से सुसज्जित होगा।अधिकारियों ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्च वाली केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास परियोजना का काम पूरे जोर शोर से चल रहा है ताकि नवंबर, 2022 में संसद के शीतकालीन सत्र का आयोजन नयी इमारत में हो सके। भवन की आंतरिक साजसज्जा का काम तेजी से हो रहा है। साथ ही फर्श भी तैयार किया जा रहा है।
सूत्रों ने बताया कि इस परियोजना के राष्ट्रीय महत्व को देखते हुए निर्धारित समयसीमा बढ़ाने की फिलहाल कोई योजना नहीं है। इस मामले की जानकारी रखने वाले अधिकारियों ने बताया, 'हम शीतकालीन सत्र का आयोजन नए संसद भवन में सुनिश्चित करने के लिए हरसंभव प्रयास कर रहे हैं।' उन्होंने संकेत दिया कि संसद भवन की नयी इमारत के कुछ हिस्सों को 26 नवंबर को संविधान दिवस के आसपास खोला जा सकता है। हालांकि, अभी तक कुछ भी तय नहीं हुआ है।
पीएम मोदी ने दिसंबर 2020 में संसद की नयी इमारत की नींव रखी थी
उन्होंने पिछले महीने संसद भवन की छत पर बनाए गए अशोक स्तंभ का अनावरण किया था।नए भवन में देश की लोकतांत्रिक विरासत को प्रदर्शित करने के लिए एक भव्य संविधान कक्ष, संसद सदस्यों के लिए एक विश्राम कक्ष, एक पुस्तकालय, कई समिति कक्ष, भोजन क्षेत्र और पर्याप्त पार्किंग स्थान की व्यवस्था होगी। इमारत का निर्माण टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड द्वारा किया जा रहा है।
सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास परियोजना में एक नए त्रिकोणीय संसद भवन, एक सामान्य केंद्रीय सचिवालय, विजय चौक से इंडिया गेट तक तीन किलोमीटर लंबे राजपथ का सुधार, प्रधानमंत्री के एक नए आवास और एक प्रधानमंत्री कार्यालय तथा एक नए उपराष्ट्रपति आवास की परिकल्पना की गई है।