- केरल पर्यटन विभाग के विज्ञापन में गोमांस का जिक्र, विहिप को ऐतराज
- केरल सरकार पर्यटन को बढ़ावा दे रही है या गोमांस का प्रमोशन कर रही है
- विहिप नेताओं का आरोप, केरल सरकार हिंदू समाज की भावना पर कर रही है चोट
नई दिल्ली। खान पान अपनी पसंद है, इस पर किसी को आपत्ति नहीं हो सकती है। केरला को उसकी सुंदरता की वजह से उसे अद्भुत कहा जाता है। केरल के बैक वाटर्स हर किसी को आकर्षित करते हैं और बड़ी संख्या में पर्यटक वहां प्राकृतिक छंटा को निहारने के लिए जाते हैं। पर्यटकों की संख्या में इजाफे के लिए केरल पर्यटन विभाग ने विज्ञापन जारी किया है जिसमें गोमांस और उसके बनाने के तरीके की विस्तृत जानकारी दी गई है। लेकिन विश्व हिंदू परिषद को ऐड पर ऐतराज है।
आइए पहले समझने की कोशिश करते हैं कि केरला पर्यटन की तरफ से क्या ट्वीट किया गया है। ट्वीट कुछ इस तरह है नरन गोमांस के टुकड़े जिन्हें सुगंधित मसालों में धीमी आंच पर पकाया गया है। इसमें नारियल के टुकड़ों के साथ साथ करी पत्ती का इस्तेमाल हुआ है। मसालों की भूमि केरल से बीफ उलारथीयाथू।
केरल पर्यटन विभाग के इस एड पर विहिप की तरफ से आपत्ति जताई गई है। विहिप का कहना है कि सरकार इसके जरिए पर्यटन को बढ़ावा दे रही है या गोमांस का प्रमोशन कर रही है। पर्यटन विभाग की इस तरह की कोशिश को कामयाब नहीं होने दिया जाएगा। वाम दल सरकार को इस विषय पर तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए। इस तरह के कदम से हिंदू समाज की भावना पर करारी चोट की गयी है।
विहिप के ऐतराज पर केरल पर्यटन विभाग का कहना है कि खान पान की आजादी हर किसी को है, कोई संगठन अपनी मर्जी नहीं थोप सकता है। पर्यटन केरल सरकार की आय का मुख्य स्रोत है और विभाग उस दिशा में काम कर रहा है। किसी भी संगठन को अपनी बात रखने का अधिकार है, जहां तक फैसले की बात है वो विधिसम्मत है।