नई दिल्ली: कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) ने आज गुड्स एंड सर्विस टैक्स (GST) के कई मनमाने और कठोर प्रावधानों के खिलाफ राष्ट्रव्यापी बंद का आह्वान किया है। सीएआईटी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीसी भरतिया और महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि दिल्ली सहित सभी राज्यों के लगभग 1500 बड़े और छोटे संगठन शुक्रवार को जीएसटी संशोधनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करेंगे। उन्होंने कहा, 'ट्रेडर्स और ट्रांसपोर्टर्स अपनी पीड़ा और नाराजगी दर्ज करने के लिए जीएसटी पोर्टल पर लॉग ऑन नहीं करेंगे।'
CAIT के अनुसार, देशभर में 40,000 से अधिक व्यापारिक संगठनों से जुड़े 8 करोड़ से अधिक व्यापारी विरोध में अपने शटर बंद करके 'भारत व्यापार बंद' में शामिल होंगे। कैट ने कहा कि एक करोड़ ट्रांसपोर्टरों का प्रतिनिधित्व करने वाली ऑल इंडिया ट्रांसपोर्ट वेलफेयर एसोसिएशन ने बंद का समर्थन किया है। हॉकरों के राष्ट्रीय संगठन हॉकर्स संयुक्त कार्रवाई समिति ने भी बंद का समर्थन किया है।
आवश्यक सेवाओं मसलन दवा की दुकानों, दूध और सब्जी की दुकानों को बंद से बाहर रखा गया है। यहां जानें बंद से क्या प्रभावित होगा, और क्या नहीं होगा:
- देश में परिवहन सेवाएं प्रभावित हो सकती हैं।
- संबंधित संगठनों के निर्णय के आधार पर बाजार आंशिक रूप से बंद रहने की संभावना है।
- आवश्यक सेवाएं, दवा दुकानें, दूध सब्जी की दुकानें आदि प्रभावित नहीं होंगी।
- बैंक सेवाएं अप्रभावित रहने की उम्मीद है।
किसानों ने की भारत बंद में शामिल होने की अपील
वहीं दिल्ली की सीमाओं पर नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन की अगुवाई कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने 'भारत बंद' में शांतिपूर्ण तरीके से भाग लेने की अपील की। व्यापारियों के संगठन कैट ने कहा है कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) व्यवस्था के प्रावधानों की समीक्षा की मांग को लेकर बुलाए गए भारत बंद के मद्देनजर 26 फरवरी को देशभर में सभी वाणिज्यिक बाजार बंद रहेंगे। मोर्चा ने एक बयान में कहा कि वह परिवहन एवं श्रमिक संगठनों द्वारा शुक्रवार को बुलाए गए भारत बंद का समर्थन करता है। उसने कहा कि हम देश के सभी किसानों से भारत बंद के प्रदर्शनकारियों का शांतिपूर्ण ढंग से समर्थन करने और बंद को सफल बनाने की अपील करते हैं।