- अगस्त में पहली बार हुआ था कोरोना टेस्ट
- अभी तक आइसोलेशन में है महिला
- हालांकि महिला से दूसरों को खतरा नहीं है
नई दिल्ली: कोरोना वायरस महामारी ने दुनियाभर के करोड़ों लोगों को अपनी चपेट में लिया है। लाखों इसकी चपेट में आ गए, जबकि करोड़ों ठीक भी हो गए। कुछ मामलों को छोड़ दिया जाए तो लगभग अधिकतर मामले ऐसे हैं, जिसमें लोग एक बार संक्रमित हो जाने के बाद ठीक हो गए। लेकिन राजस्थान के भरतपुर की 30 साल की शारदा देवी को कोरोना ऐसा हुआ है कि ठीक होने का नाम ही नहीं ले रहा है।
शारदा देवी अगस्त से लगातार कोरोना वायरस से संक्रमित हैं। उनके अभी तक 31 टेस्ट हुए हैं और सभी पॉजिटिव आए हैं। उनके अभी तक 17 आरटी-पीसीआर और 14 रैपिड एंटीजन टेस्ट हुए हैं। 28 अगस्त को उनका पहला टेस्ट हुआ था।
स्वस्थ महसूस कर रही महिला
उन्हें अभी तक एलोपैथी, होम्योपैथी और आयुर्वेदिक दवाइयां दी जा चुकी हैं। शारदा देवी 5 महीने से आइसोलेशन में हैं। हालांकि अच्छी बात है कि लगातार पॉजिटिव बने रहने के बावजूद वो स्वस्थ महसूस कर रही हैं। इस दौरान उनका वजन भी 8 किलो बढ़ गया है। उन्हें 1 सितंबर को 'अपना घर' नाम के देखभाल गृह में ले जाया गया था। अपना घर प्रशासक ने कहा कि वह मानसिक रूप से स्थिर नहीं है और उसे एक और इम्युनोडेफिशिएंसी बीमारी है। उनका पति है और माता-पिता नहीं हैं। उनके भाई और भाभी ने उसे वहां रखा है। अपना घर में 3,000 से अधिक लोग हैं जो निराश्रित हैं।
सवाई मानसिंह हॉस्पिटल के माइक्रोबायोलॉजी विशेषज्ञ डॉ. प्रदीप कुमार ने बताया, 'कोरोना पॉजिटिव होने के बावजूद शारदा दूसरों के लिए खतरा नहीं है, क्योंकि बॉडी में मौजूद कोरोना वायरस एक्टिव नहीं है। यानी अब उनमें से दूसरों में संक्रमण नहीं फैलेगा। हालांकि ऐहतियात के तौर पर उन्हें आइसोलेशन में रखने की जरूरत है।'