Excise Policy Row: दिल्ली के उपराज्यपाल ने आबकारी नीति को लागू करने में चूक के लिए पूर्व आबकारी आयुक्त आरव गोपी कृष्ण समेत 11 अधिकारियों को निलंबित कर दिया है। ये कार्रवाई दिल्ली सरकार की ओर से नई आबकारी नीति को लागू करते हुए नियमों के कथित उल्लंघन की सीबीआई जांच के आदेश के कुछ हफ्ते बाद हुई है।
एलजी ने आबकारी नीति लागू करने में चूक के लिए 11 अधिकारियों को किया संस्पेंड
पिछले महीने ही एलजी वीके सक्सेना ने नवंबर 2021 में अरविंद केजरीवाल सरकार की ओर से लाई गई दिल्ली आबकारी नीति की सीबीआई जांच की सिफारिश की थी। एलजी की कार्रवाई 8 जुलाई को मुख्य सचिव की एक रिपोर्ट पर आधारित थी, जिसमें आबकारी नीति के कार्यान्वयन में ‘संबंधित अधिकारियों की ओर से की गई कथित गंभीर चूक’ को देखते हुए ये निर्णय लिया। साथ ही इसमें ‘निविदा को अंतिम रूप देने में अनियमितताएं और चुनिंदा विक्रेताओं को पोस्ट-टेंडर लाभ प्रदान करना’ शामिल है।
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रिपोर्ट में शीर्ष राजनीतिक स्तर पर वित्तीय बदले की भावना के बारे में भी बात की गई है। साथ ही कहा कि आबकारी विभाग के प्रभारी मंत्री मनीष सिसोदिया ने वैधानिक प्रावधानों का उल्लंघन करते हुए बड़े फैसले लिए। नई आबकारी नीति के तहत दिल्ली सरकार ने सरकारी दुकानों को बंद कर दिया था और निजी कंपनियों को लाइसेंस दे दिया था। दिल्ली सरकार का तर्क था कि इससे राजकोष में अधिक राजस्व आएगा। हालांकि, ऐसा नहीं हुआ।
डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने मामले में की सीबीआई जांच की मांग
आज मनीष सिसोदिया ने कहा कि आबकारी नीति 2021-22 को कई बार ध्यान से पढ़ने के बावजूद एलजी ऑफिस ने शराब की दुकानें खुलने से ठीक दो दिन पहले अपना फैसला बदल दिया था। साथ ही कहा कि इससे दिल्ली सरकार को हजारों करोड़ का नुकसान हुआ और कुछ दुकानों को हजारों करोड़ का फायदा हुआ। डिप्टी सीएम ने सीबीआई से जांच कराने की मांग की है कि किसके दबाव में एलजी ने दुकान खुलने से महज 48 घंटे पहले कैबिनेट और खुद द्वारा स्वीकृत नीति में बदलाव किया।