- बीएसपी के 11 विधायक बागी हो गए हैं
- 5 विधायकों ने सपा प्रमुख अखिलेश यादव से मुलाकात की है
- कुछ विधायक अलग पार्टी बनाने के पक्ष में हैं
नई दिल्ली: मायावती की बहुजन समाज पार्टी (BSP) अगले साल की शुरुआत में होने वाले उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले एक बड़े संकट का सामना कर रही है। खबर है कि कई विधायक बगावत पर उतर आए हैं। इसमें से कई विधायक चाहते हैं कि एक अलग पार्टी बनाई जाए, वहीं कुछ समाजवादी पार्टी में जाने के इच्छुक हैं।
बागी बसपा विधायक असलम रैनी ने कहा, 'बसपा के निष्कासित विधायकों की संख्या अभी 11 है। एक और विधायक मिले तो हम अपनी पार्टी बनाएंगे। हमारे नेता लालजी वर्मा होंगे और वह पार्टी का नाम और अन्य विवरण तय करेंगे।'
जानकारी मिली है कि कुछ विधायकों ने मंगलवार को उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से मुलाकात की है। वे यूपी विधानसभा चुनाव से कुछ महीने पहले सपा में शामिल हो सकते हैं। विधानसभा में बसपा के 18 विधायक थे, जिनमें से नौ को पिछले साल निलंबित कर दिया गया था। कुछ लोग सपा में शामिल हुए थे, लेकिन सभी यादव खेमे में शामिल नहीं हो रहे हैं।
दो बड़े नेताओं- लालजी वर्मा और राम अचल राजभर का बाहर निकलना मायावती की पार्टी के लिए एक बड़ा झटका रहा है क्योंकि वे यूपी की राजनीति में सबसे पिछड़ी जातियों (MBC) के प्रमुख चेहरों के रूप में जाने जाते हैं। वे बसपा के संस्थापक नेताओं में भी हैं।
जौनपुर जिले के मुंगरा बादशाहपुर निर्वाचन क्षेत्र से विधायक सुषमा पटेल ने 'इंडियन एक्सप्रेस' को बताया कि उनके सहित पांच विधायकों ने सपा प्रमुख से मुलाकात की। पटेल ने कहा, 'आप कह सकते हैं कि यह तय है कि मैं 2022 का चुनाव सपा के टिकट पर लड़ूंगी।' उन्होंने कहा कि ये पांच विधायक पिछले साल अक्टूबर में बसपा से निष्कासित सात विधायकों में से हैं, जब उन्होंने राज्यसभा चुनाव के लिए आधिकारिक उम्मीदवार रामजी गौतम के नामांकन का विरोध किया था।