- अमरावती में फैली थी हिंसा
- फेक न्यूज के जरिए साजिश रचने की जानकारी सामने आई
- मालेगांव में रजा अकेडमी के दफ्तर की ली गई तलाशी
हाल ही में महाराष्ट्र के कुछ शहर सुलग गए थे उनमें से अमरावती भी शहर था। अमरावती, नांदेड़ जैसे शहर क्यों जल उठे उसके पीछे वजह क्या थी, उसे लेकर तरह तरह के सवाल उठे। जिक्र आया कि त्रिपुरा में किसी मस्जिद में तोड़फोड़ की गई थी। लेकिन गृहमंत्रालय ने साफ किया कि त्रिपुरा के किसी भी हिस्से में हाल फिलहाल में किसी भी धर्मस्थल को नुकसान नहीं पहुंचाया गया था तो सवाल यह था कि आखिर वो कौन शख्स था या संगठन थे जिन्होंने सामाजिक ताने बाने को छिन्न भिन्न करने की कोशिश की। इस बीच TIMES NOW नवभारत के पास कुछ जानकारी है जिसके मुताबिक फेक न्यूज के जरिए अमरावती को सुलगाने की कोशिश की गई।
प्रवीण पोते ने किया सरेंडर
अमरावती हिंसा केस में प्रवीण पोते नाम के शख्स ने पुलिस के सामने सरेंडर किया है और ये अमरावती के पूर्व गार्डियन मिनिस्टर रहे हैं। बता दें कि इस केस में अब तक 9 लोगों की गिरफ्तारी हुई है।बीजेपी की तरफ से यह कहा गया था कि रजा एकेडमी ने हिंसा की साजिश रची गई थी। इस बीच मालेगांव में रजा एकेडमी के दफ्तर पर छापेमारी की जा रही है। पुलिस ने रजा एकेडमी के दफ्तर की तलाशी ली।
आरोप प्रत्यारोप का दौर जारी
बीजेपी ने आरोप लगाया कि आखिर इस मामले में बीजेपी के नेताओं को भी निशाना क्यों बनाया जा रहा है। जब खुफिया जानकारी पहले से ही उपलब्ध थी को कार्रवाई क्यों नहीं की गई। शिवसेना के भी नेताओं का नाम सामने आ रहा है आखिर उन्हें क्यों बख्शा जा रहा है। दरअसल राजनीतिक बवंडर में घिरी शिवसेना इस तरह के हथकंडे अपना रही है।