- सीएए-एनपीआर-एनआरसी के खिलाफ बिहार के विभिन्न जिलों में निकाली गई "जन गण मन यात्रा" के समापन के मौके पर आयोजित थी रैली
- रैली के दौरान 10 साल के बच्चे ने कन्हैया के मंच से लगाए 'मोदी मुर्दाबाद' के नारे
- बच्चे के भाषण देने के दौरान सभी लोग तालियां बजाते हुए नजर आए
पटना: राजधानी पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में गुरुवार को आयोजित 'संविधान बचाओ, नागरिकता बचाओ' रैली में जेएनयू (JNU) छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार ने नागरिकता संशोधन कानून को लेकर केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा। सीएए-एनपीआर-एनआरसी के खिलाफ बिहार के विभिन्न जिलों में निकाली गई "जन गण मन यात्रा" के समापन के मौके पर आयोजित इस जनसभा में कई सामाजिक और सांस्कृतिक हस्तियों ने मंच साझा किया। इस दौरान कन्हैया ने मंच पर एक 10 साल के बच्चे को भाषण देने के लिए उतार दिया। इस बच्चे ने जिस तरह के आपत्तिजनक भाषा का प्रयोग किया वो शायद उसे भी आभास नहीं होगा।
बच्चा मंच से बोले जा रहा था और कन्हैया सहित वहां उपस्थित तमाम लोग ताली बजा रहे थे। बच्चा एक कट्टरपंथी की तरह भाषण दे रहा था और कन्हैया उसकी हौसलाफजाई कर रहे थे। इस 10 साल के बच्चे का नाम मुनीद है जो पटना के सब्जीबाग इलाके में रहता है जहां पिछले कई समय से नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। कन्हैया की तरह यह बच्चा आजादी के नारे लगा रहा था।
क्या कहा बच्चे ने
बच्चा मंच से भाषण देते हुए कहता है, 'अगर ना होता लालकिला, ताजमहल तो क्या दुनिया को गाय और गोबर दिखाते तुम?' इस दौरान बच्चा इंकलाब-जिंदाबाद के नारे लगाते हुए कहता है- नरेंद्र मोदी मुर्दाबाद.. हम क्या चाहते आजादी... बच्चे के भाषण देने के दौरान सभी लोग तालियां बजाते हुए नजर आए। भाषण देने के बाद वापस जा रहे इस बच्चे को कन्हैया ने गोद में उठाकर जनता के बीच उससे अभिवादन भी कराया।
कई लोगों ने साझा किया मंच
इसके बाद रैली को संबोधित करते हुए कन्हैया ने सत्तारूढ़ भाजपा पर मुसलमानों के खिलाफ हिंदुओं को भडकाने का आरोप लगाते हुए लोगों से "राम प्रसाद बिस्मिल और अशफाकउल्ला खान की दोस्ती का अनुकरण करके उनके एजेंडे को हराने का संकल्प करने का आह्वान किया। इस मंच पर अधिकांश वक्ताओं ने संविधान बचाओ के अपने भाषण में संविधान पर कम मोदी के विरोध में ज्यादा भाषण दिया।
इस रैली में नर्मदा बचाओ आंदोलन की मेधा पाटकर, राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के पोते तुषार गांधी, पूर्व आईएएस अधिकारी कन्नन गोपीनाथन और दिवंगत मार्क्सवादी नाटककार और निर्देशक सफदर हाशमी की बहन शबनम हाशमी शामिल थीं।