पटना: सशस्त्र बलों में अल्पकालिक भर्ती के लिए ‘अग्निपथ’ योजना के खिलाफ बिहार में रविवार को हिंसक विरोध प्रदर्शन की घटनाओं में कमी आई। उपद्रवियों के खिलाफ पुलिस की कार्रवाई जारी रही और सुरक्षा चिंताओं को देखते हुए ट्रेन सेवाएं प्रभावित रहीं। पुलिस मुख्यालय द्वारा जारी एक बयान के अनुसार राज्य में बड़े पैमाने पर हुई हिंसा और आगजनी के सिलसिले में अब तक कुल मिलाकर 804 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। विरोध प्रदर्शनों के संबंध में दर्ज प्राथमिकी की संख्या 145 है और असामाजिक गतिविधियों में शामिल होने या संलिप्त होने के संदेह वाले व्यक्तियों का पता लगाने का अभियान जारी रहा।
पुलिस मुख्यालय की विज्ञप्ति में कहा गया है कि राज्य के 38 में से 17 जिलों में इंटरनेट सेवाएं बंद हैं और कुछ स्थानों पर पुलिस और अर्धसैनिक बलों की भारी तैनाती जारी है। उच्च पदस्थ सूत्रों ने बताया कि दोपहर में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मुख्य सचिव आमिर सुबहानी और पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) एस. के. सिंघल को अपने आवास पर तलब किया। पूर्व मध्य रेलवे क्षेत्र (ईसीआर) के जरिये संचालित होने वाली लंबी दूरी की रेलगाड़ियों की आवाजाही को ‘‘एहतियाती कदम’’ के रूप में सुबह चार बजे से स्थगित कर दिया गया है और यह रात में फिर से शुरू होगी।
ईसीआर के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी वीरेंद्र कुमार ने बताया कि इसके परिणामस्वरूप कई ट्रेन रद्द कर दी गई हैं, लेकिन फंसे यात्रियों की सुविधा के लिए उत्तर प्रदेश के दीन दयाल उपाध्याय स्टेशन और झारखंड के धनबाद से आठ विशेष ट्रेन चलाई जा रही हैं। इसके अलावा, पटना के जिलाधिकारी चंद्रशेखर सिंह ने बताया कि हमने यह सुनिश्चित करने के लिए पूरी व्यवस्था की है कि गर्मी की छुट्टियों के बाद सोमवार को फिर से खुलने वाले स्कूलों में जाने वाले बच्चों को कोई समस्या न हो। बिहार में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने ट्विटर पर घोषणा की कि राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेतृत्व वाले महागठबंधन के सभी विधायक इस योजना के खिलाफ 22 जून को यहां राजभवन तक मार्च करेंगे।
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यादव ने ट्वीट किया कि अग्निपथ योजना को वापस लेने की मांग पर जोर देने के लिए महागठबंधन के सभी विधायक 22 जून को सुबह नौ बजे विधानसभा से राजभवन तक मार्च निकालेंगे। जनता दल (यूनाइटेड) ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की बिहार इकाई के अध्यक्ष संजय जायसवाल के खिलाफ विरोध जारी रखा, जिन्होंने शनिवार को संवाददाता सम्मेलन कर उनके आवास के अलावा कई स्थानों पर पार्टी के कार्यालयों पर हमले में प्रशासन की मिलीभगत का आरोप लगाया था। जद (यू) के मुख्य प्रवक्ता एवं विधान परिषद सदस्य (एमएलसी) नीरज कुमार ने जायसवाल द्वारा उनके गृह नगर बेतिया में दर्ज कराई गई प्राथमिकी की एक प्रति दिखाई और पूछा कि उनके घर में तोड़फोड़ करने वाले कम से कम 100 लोगों की पहचान करने के उनके दावे का क्या हुआ? उन्होंने एक भी व्यक्ति का नाम क्यों नहीं लिया? इस बीच, भाजपा प्रवक्ता निखिल आनंद ने कहा कि राजनीतिक विमर्श में मर्यादा नहीं छोड़नी चाहिए। हमारे प्रदेश अध्यक्ष ने कानून व्यवस्था में सुधार के लिए सुझावों के माध्यम से कुछ विचार व्यक्त किए। हम सत्तारूढ़ गठबंधन में भागीदार के रूप में अपनी जिम्मेदारियों से अवगत हैं।
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