- कृषि मंत्री सुधाकर सिंह पर है चावल घोटाले का आरोप
- कृषि मंत्री बोले- अधिकारी अभी भांपने की मुद्रा में
- 'कृषि विभाग में चोरों की भरमार'
अब इसे साफगोई कहें या अपनी ही सरकार पर निशाना या व्यवस्था में मंत्री जी की लाचारी। बिहार के कृषि मंत्री सुधाकर सिंह कैमूर जिले में लोगों के बीच थे और बिहार में कृषि क्षेत्र के विकास के बारे में बात कर रहे थे। उन्होंने कहा कि कृषि विभाग में सिर्फ ही ईकाई नहीं है जिसमें चोरी होती हो। अलग अलग ईकाइयां हैं जहां चोरी होती है। अब वो इस विभाग के इंचार्ज हैं तो जाहिर है कि वो ही सरदार हैं। हालांकि उनके ऊपर भी बहुत से लोग हैं।
अब अगर हो रही है चोरी तो..
सुधाकर सिंह कहते हैं कि चोरी जब उनके विभाग में हो रही है तो निश्चित तौर पर मंत्री होने के नाते वो ही तो सरदार कहे जाएंगे। उन्होंने कहा कि आप लोगों को भी पुतला फूंकते रहना चाहिए ताकि हम लोग सचेत रहें। डॉ राम मनोहर लोहिया कहा करते थे कि जब संसद आवारा हो जाए तो लोगों को सड़कों पर उतरना चाहिए। यह बात वो इसलिए कह रहे हैं कि सरकार में वो अकेले तो हैं नहीं, उनके ऊपर भी कई लोग हैं। हालत ये हो जाता है कि जब कोई बात वो कैबिनेट में रखते हैं तो लगता है कि और लोगों ने अपने कान में तेल डाल लिया है, लोग सुनते नहीं है। इसके लिए सड़कों पर आप लोगों को भी आवाज बुलंद करने की जरूरत है।
सरकार में वो अकेले नहीं
सुधाकर सिंह ने कहा कि यह सब बातें लोगों तक इसलिए पहुंचा रहे हैं ताकि लोग यह ना कहें कि सरकार में बने रहने के दौरान तो कुछ नहीं बोला। हकीकत यह है कि कृषि क्षेत्र को लेकर सरकार में संवेदशीलता की कमी है। वो तो कहते हैं कि कृषि उत्पादों की खरीद के लिए अलग अलग एजेंसियां होनी चाहिए। लेकिन कोई सुन नहीं रहा है। जहां तक अधिकारियों की बात है तो वो मौके को भांप रहे हैं कि आगे किस तरह से चलना है।