नई दिल्ली: बिहार विधानसभा चुनाव का शंखनाद हो चुका है। चुनाव तीन चरणों में होंगे और मतों की गणना 10 नवंबर को होगी। नीतीश कुमार सत्ता में वापसी करते हैं या फिर सत्ता से बाहर होते है यह 10 नवंबर को साफ हो जाएगा। फिलहाल चुनाव आयोग के चुनाव तारीखों में ऐलान के बाद अब पार्टियों के बीच तैयारियों को लेकर गहमागहमी शुरू हो गई है।
बिहार विधानसभा चुनाव के लिए तीन चरणों में, 28 अक्टूबर, तीन नवंबर और सात नवंबर को, मतदान होगा जबकि सभी चरणों के लिए मतगणना 10 नवंबर को होगी। निर्वाचन आयोग ने शुक्रवार को यह घोषणा की। कोविड-19 महामारी के मौजूदा हालात में बिहार चुनाव दुनियाभर में होने वाले सबसे बड़े चुनावों में से एक होंगे।
पहले चरण में कुल 71 सीटों के लिए एक अक्टूबर को अधिसूचना जारी होगी। आठ अक्टूबर नामांकन की आखिरी तारीख होगी। नौ अक्टूबर को नामांकन पत्रों की जांच होगी। 12 अक्टूबर को नाम वापसी होगी। वहीं 28 अक्टूबर को मतदान होगा।दूसरे चरण में 94 सीटों के लिए नौ अक्टूबर को अधिसूचना जारी होगी। 16 अक्टूबर तक नामांकन हो सकेंगे। 17 अक्टूबर को नामांकन पत्रों की जांच होगी और 19 अक्टूबर तक नामवापसी। तीन नवंबर को मतदान होगा। इसी तरह तीसरे चरण में 78 विधानसभा सीटों पर चुनाव होगा। 13 अक्टूबर को अधिसूचना जारी होगी, वहीं 20 अक्टूबर तक नामांकन हो सकेंगे। 21 अक्टूबर को नामांकन पत्रों की जांच और 23 अक्टूबर तक वापसी हो सकेगी। सात नवंबर को मतदान होगा और दस नवंबर को नतीजे आएंगे।
कोविड-19 रोगी आखिरी एक घंटे में मतदान कर सकते हैं। संक्रमित लोगों के लिए विशेष प्रोटोकॉल तैयार किये गये हैं। कोविड-19 महामारी ने जीवन के सभी पहलुओं में नयी स्थितियां पैदा कर दी हैं।बिहार विधानसभा चुनाव कोविड-19 महामारी के मौजूदा हालात में दुनियाभर में होने वाले सबसे बड़े चुनावों में से एक होगा। चुनाव कार्यक्रम की घोषणा करते हुए चुनाव आयोग ने कहा कि सुरक्षा बंदोबस्त और त्योहारी सीजन समेत कई अन्य कारकों को ध्यान में रखते हुये बिहार चुनाव के चरण कम किए गए हैं।
बिहार में कुल 243 विधानसभा सीटों में 38 अनुसूचित वर्ग के लिए रिजर्व हैं तो दो सीटें अनुसूचित जनजाति(एसटी) के लिए आरक्षित हैं। बिहार में 23 सितंबर 2020 तक आंकड़ों के मुताबिक कुल 7,29,27,396 मतदाता हैं। जिसमें से 1,60,410 सर्विस वोटर्स हैं। 2020 में होने जा रहे विधानसभा चुनाव के लिए आयोग ने कुल 1,06,526 केंद्र बनाए हैं। जबकि 2015 में 65,367 मतदान केंद्रों पर मतदान हुआ था। इस प्रकार कोरोना के कारण 62.96 प्रतिशत मतदान केंद्र बढ़े हैं।
बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण की अधिसूचना एक अक्टूबर को जारी की जाएगी, जबकि नामांकन की अंतिम तिथि आठ अक्टूबर होगी और उम्मीदवार अपना नामांकन 12 अक्टूबर तक वापस ले सकते हैं।दूसरे चरण के लिए नौ अक्टूबर को अधिसूचना जारी की जाएगी, 16 अक्टूबर तक नामांकन दाखिल किए जा सकेंगे और 19 अक्टूबर नामांकन वापसी की आखिरी तिथि होगी। तीसरे चरण की अधिसूचना 13 अक्टूबर को जारी की जाएगी, नामांकन की अंतिम तिथि 20 अक्टूबर होगी और उम्मीदवारी वापसी की अंतिम तिथि 23 अक्टूबर निर्धारित की गई है।
कोरोना काल में पहली बार हो रहे इस विधानसभा चुनाव में क्या पहले जैसी बड़ी चुनावी रैलियां होंगी? बड़ी रैलियों की अनुमति देने और न देने का फैसला जिला प्रशासन करेगा। हालांकि चुनावी रैलियों के लिए जिलावार मैदानों की लिस्ट तैयार कर ली गई है। इन मैदानों का चुनाव आयोग के अफसर दौरा कर चुके हैं। मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने शुक्रवार को चुनाव तारीखों का ऐलान करने के बाद एक सवाल के जवाब में बताया कि बड़ी चुनावी रैलियों की अनुमति का फैसला जिला प्रशासन करेगा। हालांकि उन्होंने यह भी बताया कि रैलियों के आयोजनों के लिए हर जिले में कुछ मैदान चिन्हित कर लिए गए हैं।
उधर, चुनाव आयोग की ओर से रैलियों और जनसभाओं के लिए विस्तृत दिशा-निर्देश भी जारी हुए हैं। जिसके मुताबिक स्टेट डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी (एसडीएमए) की ओर से तय संख्या से अधिक लोग राजनीतिक दलों की रैलियों में जुट नहीं सकेंगे। चुनाव आयोग ने जिला निर्वाचन अधिकारी और पुलिस अधीक्षक की जिम्मेदारी तय करते हुए कहा है कि वे अपने जिले में रैलियों के लिए ऐसा मैदान चुनेंगे, जहां एंट्री और एग्जिट की उचित सुविधा हो। लेकिन ध्यान रखा जाए कि मैदान में उतने ही लोग उपस्थित रहें, जितना कि स्टेट डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी अनुमति दे। डोर टू डोर कैंपेनिंग के लिए उम्मीदवार और सुरक्षाकर्मी सहित सिर्फ पांच लोगों को अनुमति मिलेगी। मतदान केंद्र पर हर व्यक्ति मास्क पहनेगा। गेट पर थर्मल स्कैनिंग होगी। सेनिटाइजर और पानी भी उपलब्ध रहेगा।
कोरोना की चुनौतियों के कारण ऑनलाइन नामांकन की भी सुविधा दी गई है। आयोग की वेबसाइट पर नामांकन फॉर्म उपलब्ध रहेंगे। ऑनलाइन आवेदन के बाद रिटनिर्ंग अफसर के कार्यालय में प्रिंट आउट जमा करना होगा। उम्मीदवारों को एफिडेविट और सिक्योरिटी मनी भी ऑनलाइन भरने की सुविधा दी गई है। खास बात है कि नामांकन के लिए सिर्फ दो लोग जा सकेंगे। नामांकन के लिए दो वाहनों का ही इस्तेमाल उम्मीदवार कर सकेंगे।
आगामी बिहार विधानसभा चुनाव में सात लाख हैंड सैनिटाइजर, लगभग छह लाख पीपीई किट के साथ ही मतदाताओं के लिए सात करोड़ से अधिक दस्तानों की व्यवस्था की गयी है। यह व्यवस्था कोरोना वायरस महामारी के कारण की गयी है और मतदाता ईवीएम का बटन बदाने के दौरान एकल उपयोग वाले दस्तानों का उपयोग करेंगे। बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा की और कहा कि 7.2 करोड़ दस्ताने, करीब सात लाख इकाई सैनिटाइज़र, करीब 46 लाख मास्क, करीब छह लाख व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (पीपीई) किट तथा 7.6 लाख फेस शील्ड की व्यवस्था की गयी है। इसके अलावा 23 लाख दस्तानों की व्यवस्था मतदान और सुरक्षा कर्मियों के लिए भी की गयी है।
साफ-सफाई के लिए मतदान केंद्रों पर पर्याप्त मात्रा में साबुन और पानी भी रखा जाएगा।आयोग ने कहा कि निषिद्ध क्षेत्रों के मतदाताओं के लिए अलग से दिशानिर्देश जारी किए जाएंगे।दिशानिर्देशों के अनुसार हर मतदान केंद्र के प्रवेश स्थान पर थर्मल स्कैनर लगाए जाएंगे। मतदान केंद्र पर मतदाताओं की थर्मल स्क्रीनिंग की जाएगी।दूरी के मानदंडों को ध्यान में रखते हुए आयोग ने प्रति मतदान केंद्र मतदाताओं की संख्या 1,500 से घटाकर 1,000 कर दिया है। इससे मतदान केंद्रों की संख्या में वृद्धि हुई है।वर्ष 2015 के चुनावों में राज्य में 65,367 मतदान केंद्र थे और अब यह संख्या 62.96 प्रतिशत बढ़कर 1,06,526 हो गयी है।
बिहार में कुल 243 विधानसभा सीटों के लिए चुनाव होगा। 2015 में राजद और जदयू ने मिलकर चुनाव लड़ा था। जिसके कारण भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए को हार का सामना करना पड़ा था। तब राजद, जदयू, कांग्रेस महागठबंधन ने 178 सीटों पर बंपर जीत हासिल की थी। राजद को 80, जदयू को 71 और कांग्रेस को 27 सीटें मिलीं थीं। जबकि एनडीए को 58 सीटें हीं मिली। हालांकि लालू यादव की पार्टी राजद के साथ खटपट होने के बाद नीतीश कुमार ने महागठबंधन से अलग होकर भाजपा के साथ सरकार चलाना शुरू किया। 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में नीतीश कुमार एनडीए का चेहरा हैं।