- चीन चरणों में होना है बिहार विधानससभा का चुनाव
- मुख्य मुकाबला नीतीश कुमार के नेतृत्व वाले एनडीए और आरजेडी नेतृत्व वाले महागठबंधन के बीच
- बिहार के चुनावी मैदान में ताल ठोक रहे हैं 5 से अधिक गठबंधन
पटना: बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान के साथ ही राजनीतिक दलों का चुनावी अभियान भी शुरू हो गया है। बिहार चुनाव में इस बार मुख्य रूप से कई गठबंधन चुनावी मैदान में हैं जिनमें से पहला मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाला एनडीए गठबंधन, जिसमें बीजेपी, जेडीयू, हम और अभी तक लोजपा शामिल है। वहीं दूसरी तरफ महागठंबधन का नेतृत्व आरजेडी नेता तेजस्वी यादव कर रहे हैं जिसमें कांग्रेस, मुकेश साहनी की वीआईपी और वामपंथी दल शामिल हैं। इसके अलावा और भी गठबंधन चुनावी मैदान में हैं।
एनडीए गठबंधन
इस गठबंधन में बीजेपी, जेडीयू के अलावा लोकजनशक्ति पार्टी शामिल है, हालांकि सीटों को लेकर लोजपा अभी भी अड़ी हुई है। राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी की हिंदुस्तान आवाम मोर्चा (हम) भी इस बार एनडीए के साथ है। कहा जा रहा है कि भाजपा और जेडीयू क्रमश: 101 और 103 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे जबकि बांकि कि बची हुई 39 सीटें सहयोगी दलों को दी जाएंगी। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि लोजपा के चिराग पासवान को बीजेपी मना पाती है या नहीं।
महागठबंधन
लालू प्रसाद यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) की अगुवाई वाले महागठबंधन में कांग्रेस के अलावा लेफ्ट पार्टियां शामिल हैं। लेकिन सीट बंटवारे को लेकर अभी पेंच फंसा हुआ नजर आ रहा है। कांग्रेस जहां 80 से अधिक सीटों की मांग कर रही हैं वहीं लेफ्ट दल भी 40 सीटों पर दावा ठोक रहे हैं। तेजस्वी यादव कांग्रेस को 60 से अधिक सीटें देने के लिए तैयार नहीं हैं। देखने वाली बात होगी कि सीट फार्मूले को लेकर गठबंधन में कितनी सहमति बन पाती है।
डेमोक्रेटिक सेक्युलर एलायंस (यूडीएसए)
ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) ने देवेंद्र प्रसाद यादव की समाजवादी जनता दल डेमोक्रेटिक (SJDD) के साथ गठबंधन किया है जिसे डेमोक्रेटिक सेक्युलर एलायंस का नाम दिया गया है। इस गठबंधन का लक्ष्य यादव और मुस्लिम वोटो के समीकरण के जरिए चुनावी मैदान फतेह करना है। ओवैसा की नजर उस सीमांचल इलाके पर है जहां से 24 सीटें आती हैं और मुस्लिम मतदाता निर्णायक भूमिका में हैं। ओवैसी की वजह से यहां जेडीयू और आरजेडी दोनों के लिए परेशानी खड़ी हो सकती है। वहीं देवेंद्र यादव की पार्टी कांग्रेस और आरजेडी के लिए मुश्किलें पैदा कर सकती है जो 140 से अधिक सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है।
यनाइटेड डेमोक्रेटिक गठबंधन
पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिंह और भारतीय सब लोग पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अरुण सिन्हा ने मिलकर 16 छोटी- छोटी पार्टियों का यूनाइटेड डेमोक्रेटिक एलायंस बनाया गया है। ये गठबंधन प्रदेश में महागठबंधन और एनडीए के खिलाफ चुनाव मैदान में ताल ठोकेगा। सिन्हा ने ऐलान किया है कि वह सभी 243 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेंगे और स्वच्छ छवि वाले नेताओं की तरजीह दी जाएगी। सिन्हा ने गठबंधन के उद्देश्यों को साफ करते हुए कहा कि यह गठबंधन अपराधमुक्त बिहार बनाने, भ्रष्टाचार को रोकने और युवाओं को रोजगार देने की दिशा में काम करेगा।
प्रोग्रेसिव डेमोक्रेटिक अलायंस
मायवाती वहीं यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने उपेंद्र कुशवाहा की रालोसपा के साथ गठबंधन किया है। वहीं पप्पू यादव की जन अधिकारी पार्टी, चंद्रशेखर आजाद की आजाद समाज पार्टी, बीएमपी और सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (एसडीपीआई) ने मिलकर प्रोग्रेसिव डेमोक्रेटिक अलायंस (पीडीए) बनाया है। कहा जा रहा है कि कुशवाहा और मायावती वाला गठंबंधन भी इसमें शामिल हो सकता है।