- मुख्यमंत्री की रेस में तीन हैं पुराने खिलाड़ी तो दो हैं नौसिखिये
- महागठबंधन ने लालू के लाल को अपना सीएम उम्मीदवार घोषित किया है
- पुष्पम प्रिया खुद को पहले ही नीतीश के खिलाफ सीएम का चेहरा बना चुकी हैं
कोरोना संकट के बीच बिहार विधानसभा चुनाव हर तरह से देश के मानचित्र पर टिमटिमा रहा है। बिहार चुनाव पर सिर्फ उत्तर भारत ही नहीं बल्कि पश्चिम और दक्षिण की भी निगाह होती है। इस बार चुनाव बेहद खास होने वाला है। इस बार चुनाव प्रचार में जहां लालू और स्वर्गीय राम विलास पासवान जैसे बड़े चेहरे नहीं हैं, तो वहीं भावी युवा नेताओं से चुनावी अखाड़ा भरा है। इस बार के चुनाव में एक मुख्य बात ये भी है कि मुख्यमंत्री के पद के लिए मैदान में 5 प्रबल दावेदार हैं। किसका होगा राज तिलक और किसके गले में पड़ेगी हार की माला।
राजनीति के सूमो पहलवान नीतीश कुमार
बिहार की राजनीति में एक अहम चेहरा, जिसके बिना बिहार की राजनीति एक अक्षर भी लिखना गुनाह के बराबर होगा। नीतीश कई बार बिहार के मुख्यमंत्री पद पर विराजमान रह चुके हैं। इस बार भी वो NDA के मुख्यमंत्री का चेहरा हैं। बिहार की राजनीति को इसने अधिक कोई और नहीं जानता। चुनावी अखाड़े में इन्हें दुश्मन को पटखनी देना बखूबी आता है। ये इस बार भी मुख्यमंत्री पद के प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं।
लालू के लाल तेजस्वी यादव
महागठबंधन ने लालू प्रसाद यादव के छोटे लाल तेजस्वी को अपना मुख्यमंत्री पद का चेहरा बनाया है। अगर महागठबंधन इस चुनाव में जीतती है, तो तेजस्वी मुख्यमंत्री बनेंगे। वैसे ये कहना गलत नहीं होगा कि नीतीश के सामने राजनीति और असल जिंदगी दोनों में तेजस्वी यादव बच्चे हैं। पिछले चुनाव में ही तेजस्वी राजनीति के अखाड़े में कूड़े और विधायक बने। ये उनका दूसरा चुनाव है। ऐसे में नीतीश के सामने कहां तक टिक पाएंगे ये तो समय ही बताएगा।
राजनीति में बीस साल पुराने उपेन्द्र कुशवाहा
साल 2000 में पहली बार विधायक बने उपेन्द्र कुशवाहा को भी राजनीति में दो दशक हो चुका है। पिछले दो दशक में उन्हें बिहार के लोगों की न नाड़ी के बारे में तो पता हो ही गया है। कुशवाहा को ग्रांड डेमोक्रेटिक सेकुलर एलायंस की तरफ से मुख्यमंत्री उम्मीदवार बनाया गया है।
पुष्पम प्रिया
बिहार की राजनीति में ये नया चेहरा पहली बार चुनावी दंगल में उतर रहा है। अपने काम से अधिक काले रंग के परिधान की वजह से ये चर्चा में रहती हैं। इन्होने इस बार खुद की पार्टी बनाई और साथ ही स्वयं को बिहार के सीएम की कुर्सी का दावेदार भी घोषित कर दिया। चुनावी अखाड़े में ये अभी शिशु हैं।
पप्पू यादव
कई बार सांसद रह चुके पप्पू यादव इस बार प्रगतिशील लोकतान्त्रिक गठबंधन की तरफ से मुख्यमंत्री का चेहरा हैं। बिहार की राजनीति से ये बखूबी वाकिफ हैं और एक मंझे हुए खिलाड़ी भी। राज्य में सामाजिक कार्य के लिए भी खूब जाने जाते हैं। इस बार चुनाव में खुद को सीएम उम्मीदवार घोषित करने नीतीश के साथ मुख्यमंत्री की रेस में खड़े हो गए हैं।
बिहार विधान सभा में इस बार बहुत कुछ नया हो रहा है। राज्य इस बार किसी नए चेहरे को मौका देगी या फिर पुराने पर भरोसा दिखाएगी ये तो आने वाला समय बताएगा।