- बिहार में कोरोना के मामलों में आई तेजी
- अभी 31 जुलाई तक सभी जिलों में है लॉकडाउन
- ल में कोरोना के बढ़ते मामलों के बाद नीतीश सरकार ने लिया था निर्णय
पटना। बिहार में कोरोना संक्रमितों की रफ्तार तेजी से बढ़ रही है। अगर मौजूदा समय की बात करें तो राज्य में 41 हजार से अधिक कोरोना के पुष्ट मामले हैं, जिसमें 27 हजार लोग स्वस्थ होकर घर जा चुके हैं। लेकिन 253 लोगों की जान भी चली गई है। बिहार सरकार ने 15 जुलाई से 31 जुलाई तक पूरे राज्य में लॉकडाउन घोषित किया है हाल के पिछले कुछ दिनों में कोरोना के मामलों में इजाफे के बाद फैसला किया गया है। पहले इस तरह की जानकारी सामने आई कि लॉकडाउन को 1 अगस्त से 16 दिन के लिए बढ़ाया गया है लेकिन उस नोटिस को वापस ले लिया गया।
नीतीश सरकार पर विपक्षी सवाल
बिहार सरकार की कार्यप्रणाली पर विपक्षी दल सवाल भी उठा रहे हैं। आरजेडी का कहना है कि सरकार को लोगों की स्वास्थ्य की चिंता नहीं है, बल्कि चुनावी तैयारी में व्यस्त है और उसका असर दिखाई भी दे रहा है। पहले तो आम लोगों को तरह तरह की मुश्किलों का सामना करना पड़ता था। लेकिन अब तो खास लोगों के भी सामने कई तरह की मुश्किलें आ रही हैं। अफसरशाही बेलगाम है, स्वास्थ्य कर्मचारी किसी की सुधि नहीं ले रहे हैं।
नीतीश कुमार ने लगाई थी झिड़की
हाल ही में स्वास्थ्य विभाग की बैठक में नीतीश कुमार ने प्रिंसिपल सेक्रेटरी हेल्थ उदय सिंह कुमावत को लताड़ लगाई थी कि अगर आपसे महकमा नहीं संभल पा रहा हो तो छोड़ दीजिए। नीतीश की नीयत को भांपकर उनका तबादला भी कर दिया गया। जानकारों का कहना है कि सच तो यह है कि सरकार को जितनी तेजी से कोरोना को रोकने में कोशिश करनी चाहिए थी। वो नहीं हुआ अब हालात नियंत्रण के बाहर है और सरकार अपने आपको बचाने के लिए अधिकारियों को बलि चढ़ा रही है।