- मंगलवार दोपहर बाद केरल सचिवालय के एक हिस्से में लगी आग
- सरकार का कहना है कि इस घटना में कुछ दस्तावेजों का हुआ नुकसान
- भाजपा-कांग्रेस का आरोप गोल्ड स्मगलिंग केस को प्रभावित करना चाहती है सरकार
तिरूवनंतपुरम : केरल सचिवालय में मंगलवार को आग लगने की घटना सामने आने पर भाजपा और कांग्रेस के विधायकों ने भवन के बाहर विरोध-प्रदर्शन किया। विपक्षी विधायकों का दावा है कि गोल्ड स्मगलिंग केस में साक्ष्यों को नष्ट करने के लिए आग लगने की घटना सत्ताधारी पार्टी की साजिश है। विरोध-प्रदर्शन में हिस्सा लेने पर पुलिस ने प्रदेश भाजपा अध्यक्ष के सुरेंद्रन को हिरासत में लिया। प्रदर्शनकारियों को काबू में करने के लिए पुलिस ने हल्का बल प्रयोग भी किया है।
साउथ सैंडविक ब्लॉक के पास लगी आग
सचिवालय में आग लगने की घटना मलवार दोपहर बाद सामने आई। जिस जगह पर आग लगी वह स्थान मुख्यमंत्री कार्यालय के बगल में साउथ सैंडविक ब्लॉक के पास है। भवन में आग को सबसे पहले सामान्य प्रशासन विभाग के कर्मचारियों ने देखा। कर्मचारियों ने ऊपर लगे वायरिंग से धुआं निकलते हुए देखा फिर इसके बाद वहां छोटे स्तर पर आग लग गई। हालांकि, समय रहते ही आग पर कापू पा लिया गया लेकिन विपक्ष का आरोप है कि गोल्ड स्मगलिंग केस में जांच को प्रभावित करने के लिए साक्ष्यों को जानबूझकर नष्ट करने का प्रयास किया जा रहा है। विपक्ष का कहना है कि सामान्य प्रशासन विभाग ही कॉन्सुलेंट एवं अन्य राजनयिक तंत्रों के साथ आधिकारिक बातचीत का ब्योरा रखता है।
कांग्रेस नेता रमेश चेन्निथला ने कहा-जली हुईं फाइलों का बैकअप नहीं
कांग्रेस नेता रमेश चेन्निथला ने कहा, 'गोल्ड स्मगलिंग केस से जुड़ी हुईं महत्वपूर्ण फाइलें पूरी तरह नष्ट हो गई हैं। जो फाइलें जली हैं उनका बैकअप नहीं है। यह संदेहास्पद मामला है। इसके लिए मुख्यमंत्री पिनराई विजयन जिम्मेदार हैं।' प्रदेश भाजपा अध्यक्ष के सुरेंद्र ने भी इसी तरह के आरोप लगाए हैं। भाजपा नेता ने कहा कि इन फाइलों में गोल्ड स्मगलिंग केस से जुड़ी हुईं अहम बातें थीं। उन्होंने कहा कि घटनास्थल पर पहुंचने पर भाजपा नेताओं के साथ उन्हें भी गिरफ्तार कर लिया।
कांग्रेस ने किया विरोध-प्रदर्शन
इस मामले को लेकर युवा कांग्रेस के सदस्यों ने विरोध-प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के हिंसक होने पर पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर पानी की बौछार की। पुलिस ने हल्का बल प्रयोग भी किया। युवा पुलिस का कहना है कि कांग्रेस के सदस्य बैरिकेडिंग तोड़ने का प्रयास कर रहे थे। विपक्ष के नेताओं के हंगामे के बाद सरकार ने आग लगने की घटना की जांच के आदेश दिए हैं। यह जांच आपदा प्रबंधन कमिश्नर के नेतृत्व में होगी।
घटना की जांच कराएगी सरकार
सरकार की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि आग लगने की इस घटना में कुछ दस्तावेजों को नुकसान पहुंचा है। पुलिस की क्राइम ब्रांच भी इस घटना की जांच करेगी। बता दें कि पिनराई सरकार के खिलाफ कांग्रेस एवं यूडीएफ की ओर से लाए गए अविश्वास प्रस्ताव के एक दिन बाद आग लगने की यह घटना सामने आई है।