- उत्तराखंड बीजेपी में बगावत की खबरों का बंशीधर भगत ने किया खंडन
- खबर आई थी कि सतपाल महाराज सहित बीजेपी के 35 विधायक दिल्ली पहुंच गए हैं
- वहीं धामी ने की पूर्व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत और त्रिवेंद्र सिंह रावत से मुलाकात
नई दिल्ली: उत्तराखंड में भाजपा ने जैसे ही पुष्कर सिंह धामी के रूप में राज्य के नए सीएम के नाम का ऐलान किया तो पार्टी के ही कुछ नेता असहज महसूस करने लगे। कहा जा रहा है कि कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज और हरक सिंह रावत सहित दो दर्जन से अधिक विधायक इस फैसले से नाराज है और दिल्ली पहुंच चुके हैं। हालांकि बीजेपी ने इस तरह की खबरों का खंडन किया है और ऐसी खबरों को निराधार बताया है।
बंशीधर भगत ने किया खंडन
खबर आई थी कि बीजेपी के नाराज 35 विधायक दिल्ली पहुंच चुके हैं। लेकिन उत्तराखंड के कैबिनेट मंत्री औऱ बीजेपी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत ने इस तरह की खबरों को निराधार बताते हुए कहा, 'मैंने कहीं पढ़ा कि 35 विधायक दिल्ली पहुंचे हैं, कृपया बताएं कि ये विधायक कौन हैं? ये खबरें (रिपोर्ट) महज अफवाहें हैं, हमारे नेता पार्टी के साथ मजबूती से खड़े हैं।' वहीं रूद्रप्रयाग के विधाय भरत सिंह चौधरी ने भी इस तरह की खबरों का खंडन करते हुए कहा, 'पुष्कर सिंह धामी युवा चेहार हैं और उनके पास पार्टी की युवा इकाई के साथ काम करने का अच्छा अनुभव है। उनकी युवाओं पर अच्छी पकड़ है। उनके सीएम बनने से पार्टी को नई ऊर्जा मिलेगी और युवाओं को भी मोटिवेशन मिलेगा।'
पूर्व मुख्यमंत्रियों से मिले धामी
वहीं बीजेपी विधायक और कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत से जब सीएम पद के लिए पुष्कर सिंह धामी को चुनने पर पार्टी विधायकों की नाराजगी को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा, 'इस तरह की खबर अफवाह हैं। इस फैसले से उत्तराखंड में हर कोई खुश है। आज ही मुख्यमंत्री (पुष्कर सिंह धामी) शपथ लेंगे।' इससे पहले आज ही पुष्कर सिंह धामी ने पूर्व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत से भागीरथीपुरम में स्थित उनके आवास पर मुलाकात की। इसके अलावा उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से भी डिफेंस कॉलोनी स्थित आवास पर मुलाकात की।
आई थी ये खबर
इससे पहले खबर आई थी कि बीजेपी के कई वरिष्ठ विधायक और मंत्री पुष्कर सिंह धामी को गद्दी सौंपे जाने के फैसले से नाराज है। दावा किया जा रहा है कि वरिष्ठ नेता सतपाल महाराज और हरक सिंह रावत दोनों ही दिल्ली में हैं। इतना ही नहीं ये भी दावा किया गया कि राज्य के 35 विधायकों ने दिल्ली में डेरा डाला हुआ है।