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बीजेपी सांसद निशिकांत दूबे का अजीब बयान, 'बाइबिल,रामायण या महाभारत नहीं है जीडीपी'

Updated Dec 02, 2019 | 16:48 IST | टाइम्स नाउ डिजिटल

लोकसभा में अर्थव्यवस्था पर बहस के दौरान बीजेपी सांसद निशिकांत दूबे ने गिरती अर्थव्यवस्था पर कहा कि जीडीपी को  बाइबिल, रामायण या महाभारत नहीं  माने।

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तस्वीर साभार:&nbspANI
Nishikant Dubey, BJP MP in Lok Sabha
मुख्य बातें
  • जीडीपी वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में 4.5% पर पहुंच गई है
  • देश की आर्थिक वृद्धि दर 6 साल के सबसे निचले स्तर पर है
  • सरकार के विरोधियों का कहना है कि अर्थव्यवस्था गंभीर संकट में है

नई दिल्ली : लोकसभा में अर्थव्यवस्था पर बहस के दौरान बीजेपी सांसद निशिकांत दूबे ने कहा कि देश में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) 1934 में आया इससे पहले कोई जीडीपी नहीं था। केवल जीडीपी को बाइबिल, रामायण या महाभारत मान लेना सत्य नहीं है और भविष्य में जीडीपी को कोई बहुत ज्यादा उपयोग भी नहीं होगा। उन्होंने कहा कि आज की नई थ्योरी है कि सस्टनेबल इकॉनोमी वेल्फेयर आम आदमी का हो रहा है कि नहीं हो रहा है। जीडीपी से ज्यादा महत्वपूर्ण है कि सस्टनेबल डवलपमेंट, हैप्पीनेस हो रहा है कि नहीं हो रहा है।

गौर कि आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक देश की जीडीपी वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में गिरकर 4.5% पर आ गई है। यह आर्थिक वृद्धि दर का 6 साल से ज्यादा का निचला स्तर है।

पूर्व पीएम और अर्थशास्त्री मनमोहन सिंह का कहना है कि देश की जीडीपी की 4.5% की वृद्धि दर को नाकाफी और चिंताजनक है। उन्होंने कहा कि हमारे देश के लोगों को उम्मीद थी कि 8-9% वृद्धि होगी। जीडीपी वृद्धि दर पहली तिमाही में 5% और दूसरी तिमाही में 4.5% रही जो चिंताजनक है। केवल आर्थिक नीतियों में बदलाव से अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने में मदद नहीं मिलेगी।

अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में वित्त मंत्री रहे यशवंत सिन्हा ने कहा है कि कि फैक्ट यह है कि हम गंभीर संकट में हैं। अगली तिमाही या फिर उसके बाद की तिमाही बेहतर होगी यह सब सिर्फ खोखली बातें हैं, जो पूरी होने वाली नहीं है। बार-बार यह कहकर सरकार लोगों को मूर्ख बनाने की कोशिश कर रही है कि अगली तिमाही में आर्थिक वृद्धि दर बेहतर हो जाएगी। भारतीय अर्थव्यवस्था बहुत गंभीर संकट में है और मांग खत्म होती दिख रही है।

भारतीय उद्योग जगत को उम्मीद है कि अगली तिमाही में जीडीपी बेहतर होगी। एसोचैम के महासचिव दीपक सूद का कहना है कि अर्थव्यवस्था में नरमी अपने निचले स्तर पर पहुंच चुकी है और अब यह इससे ऊपर आएगी। बायोकॉन की चेयरमैन एवं मैनेजिंग डायरेक्टर किरन मजूमदार शॉ ने कहा है कि व्यावहारिक नीतियों से भारत को फिर से टॉप पर पहुंचाने में मदद मिल सकती है। उद्योग मंडल फिक्की के अध्यक्ष संदीप सोमानी ने बताया है कि जुलाई-सितंबर में जीडीपी वृद्धि दर 4.5% पर आना चिंताजनक है लेकिन इसके ऐसे रहने का पहले से अनुमान था।

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