Jodhpur : ईद के मौके पर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के गृह नगर जोधपुर में हुई सांप्रदायिक हिंसा के बाद विपक्ष में बैठी भारतीय जनता पार्टी हमलावर हो गई। करौली के बाद जोधपुर की घटना ने अशोक गहलोत सरकार की कानून व्यवस्था पर एक बार फिर सवाल उठा दिए हैं। बीजेपी ने इस मामले को लेकर गहलोत सरकार पर कई आरोप लगाए हैं। बुधवार को बीजेपी ने तुष्टीकरण का आरोप प्रदेशव्यापी धरना दिया। राजस्थान के कई जिलों में बीजेपी ने धरना देकर ज्ञापन सौंपे। प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सतीश पूनिया के नेतृत्व में कार्यकताओं ने बिजौलियां (भीलवाड़ा) में धरना प्रदर्शन कर उपखंड अधिकारी को ज्ञापन दिया और सत्तारूढ़ कांग्रेस के तुष्टीकरण की राजनीति के कारण प्रदेश में फैल रही अराजकता आरोप लगा।
जोधपुर पहुंचे प्रदेश अध्यक्ष
जोधपुर में हुई साम्प्रदायिक हिंसा में दंगाइयों के हमले के कारण घायल हुए दंगा पीड़ितों से मिलने भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया पहुंचे और पीड़ितों को हर सम्भव सहायता का आश्वासन दिया। पूनिया ने गहलोत के उदयपुर दौरे को लेकर तंज कसते हुए कहा कि मुख्यमंत्री जी, आप तो कांग्रेस के चिंतन की चिंता में व्यस्त हैं। आपका गृहनगर दंगाइयों के तांडव की भेंट चढ़ गया। मैं जोधपुर आ रहा हूं, पीड़ितों और साख सद्भाव की चिंता करने वाले नागरिकों से मिलूंगा। करौली से लेकर जोधपुर तक दंगाई बेखौफ हैं। हो सके तो आँखें खोलिए और राजधर्म का पालन करिए।
प्रदेशव्यापी आह्वान पर धरना प्रदर्शन
प्रदेशव्यापी आह्वान पर भारतीय जनता पार्टी झुंझुनूं द्वारा शहीद स्मारक पर धरना देकर जिला कलेक्टर को महामहिम राज्यपाल महोदय के नाम ज्ञापन दिया गया। सीकर जिलाअध्यक्ष इंद्रा चौधरी के नेतृत्व अम्बेडकर सर्किल में धरना देकर उपखंड अधिकारी को राज्यपाल के नाम ज्ञापन दिया गया। भाजपा जोधपुर उत्तर जिला अध्यक्ष मनोहर पालीवाल व फलोदी विधायक पब्बा राम विश्नोई के नेतृत्व में भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा रोष प्रकट कर जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौपा गया। वहीं सिरोही भाजपा जिला अध्यक्ष नारायण पुरोहित के नेतृत्व में जिला कलेक्टर को ज्ञापन दिया। भाजपा राजसमंद द्वारा जिलाध्यक्ष मानसिंह बारहठ के नेतृत्व में सत्तारूढ़ कांग्रेस की तुष्टिकरण की राजनीति के विरोध में राजसमंद डीएम को राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा।
वसुंधरा राजे ने मुख्यमंत्री से पूछे सवाल
पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया ने हिंसा के बाद मुख्यमंत्री गहलोत के बयान के बाद सवाल पूछे। उन्होंने कहा- मुख्यमंत्री जी कह रहे हैं कि हमने जोधपुर में दंगे होने से बचा लिया लेकिन संज्ञान में यह आया है कि पत्थर फेंके गए, ATM तोड़े गए, गाडियां जलाई गई, एसिड अटैक हुए, सड़क पर चलते लोगों के चाकू गोद दिए गए, पैर तोड़ दिए गए, महिलाओं से छेड़छाड़ एवं अभद्रता की गई। यहां तक की खुद खाकी वर्दी वालों तक को पीटा गया। यह सब इसलिए हुआ क्योंकि सोमवार रात से शुरू हुए उपद्रव को राज्य सरकार चुपचाप देखती रही और मंगलवार सुबह तक जोधपुर भय के माहौल में रहा। लेकिन अब अपनी विफलता छिपाने के लिए यह सरकार और कितना झूठ बोलेगी।