- अकेले सूरत से 3 मंत्री बनाए गए हैं, आम आदमी पार्टी के फैक्टर को कमजोर करने की कोशिश है।
- No repeat theory से एक झटके में सत्ता विरोधी हवा का रुख बदलने का दांव चला गया है।
- हटाए गए मंत्रियों की नाराजगी कम करने के लिए, उन्हें संगठन में अहम जिम्मेदारी दी जा सकती है।
नई दिल्ली: 'पूरे घर के बदल डालूंगा' , 90 के दशक में अभिनेता असरानी द्वारा एक बल्ब कंपनी का यह विज्ञापन, गुजरात के नए मंत्रिडमंदल को देखकर सहसा याद आ जाता है। भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने जैसे सरप्राइज देते हुए विजय रुपाणी को मुख्यमंत्री पद से हटा दिया उसी तरह अब सारे मंत्रियों को बदल दिया है। चुनाव से करीब 15 महीने पहले भाजपा का यह कदम बड़ा बोल्ड फैसला माना जा रहा है। क्योंकि पिछले 27 साल से गुजरात में सत्ता पर काबिज भाजपा के लिए, एक बार फिर से सरकार बनाना इतना आसान नहीं होगा। और उस चुनौती को देखते हुए, केंद्रीय नेतृत्व अगले चुनाव के लिए किसी तरह का जोखिम नहीं उठाना चाहता है। इस कवायद में पूर्व मुख्यमंत्री विजय रुपाणी की 22 मंत्रियों वाली पूरी टीम बाहर हो गई है। जिसके तहत नितिन पटेल जैसे कद्दावर नेता को भी बाहर का रास्ता दिखा दिया है।
बेहद बोल्ड है फैसला
मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के नेतृत्व में 24 लोगों को कैबिनेट में जगह दी गई है। गुजरात में भाजपा की राजनीति पर बेहद करीब से नजर रखने वाले एक सूत्र का कहना है "2022 के चुनावों के पहले केंद्रीय नेतृत्व का यह बेहद बोल्ड फैसला है। आम तौर पर ऐसा नहीं किया जाता है, कि मुख्यमंत्री बदलने पर पूरे मंत्रिमंडल को बदल दिया जाय। लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरप्राइज देने के लिए जाने जाते हैं। और इस बार भी उनके गृह राज्य में भी यही हुआ है। यह पूरी नो रिपीट थ्योरी (No repeat theory)यानी सबको बदल डालो की रणनीति पर लिया गया फैसला हैं। नेतृत्व ने एक झटके में सत्ता विरोधी हवा का रुख बदलने की कोशिश हुई है।"
कोविड-19 को लेकर है नाराजगी
भाजपा के एक नेता के अनुसार देखिए भूपेंद्र पटेल को लाने का फैसला पूरी तरह से रणनीतिक है। विजय रुपाणी एक सॉफ्ट छवि वाले नेता हैं। दूसरे वह जैन समुदाय से आते हैं। और पार्टी को पिछले कुछ समय से पाटीदारों का विरोध भी सहना पड़ा है। ऐसे में भूपेंद्र पटेल, पार्टी की रणनीति को लेकर बेहद फिट बैठते हैं। सूत्रों के अनुसार इसके अलावा कोविड-प्रबंधन को लेकर भी पार्टी को यह अहसास है कि जमीनी स्तर पर नाराजगी है। ऐसे में पार्टी एक दम नहीं चाहती थी कि चुनावों में मौजूदा नेताओं के साथ उतरा जाय। उप मुख्यमंत्री नितिल पटेल खुद स्वास्थ्य मंत्री थे। इसके अलावा महंगाई भी एक मुद्दा है। जिसको लेकर लोगों में नाराजगी है।
दक्षिण गुजरात से 8 मंत्री, आप का प्रभाव करेंगे कम ?
इस बार के मंत्रिमंडल दक्षिण गुजरात को बड़ा प्रतिनिधित्व मिला है। साफ है कि गुजरात में प्रदेश पार्टी अध्यक्ष और सांसद सी.आर.पाटिल को तरजीह दी गई है। दक्षिण गुजरात से 8 मंत्री बनाए गए हैं। इसमें अकेले सूरत से 3 मंत्री है। ऐसा पहली बार है कि किसी शहर से तीन मंत्री बनाए गए हैं। असल में दक्षिण गुजरात में आम आदमी पार्टी एक फैक्टर बन रही हैं। सूरत में आम आदमी पार्टी के 22 कॉरपोरेटर चुनाव जीत कर आए हैं। उसके प्रभाव को कम करने के लिए सूरत से 3 मंत्री का दांव खेला गया है।
राजेंद्र त्रिवेदी नंबर-2
मंत्रिमंडल में मंत्रियों के शपथ ग्रहण के क्रम से लगता है कि पूर्व विधानसभा अध्यक्ष राजेंद्र त्रिवेदी, भूपेंद्र पटेल सरकार में नंबर-2 की हैसियत पर होंगे। अभी तक नितिल पटेल इस जगह पर हुआ करते थे। ऐसे में यह भी देखना है कि आने वाले समय में नितिल पटेल को पार्टी कैसे मैनेज करेगी। क्योंकि नई मंत्रिमंडल में उन्हें तो दूर उनके खास करीबियों को भी जगह नहीं मिली है। और उनकी मुख्यमंत्री बनने की इच्छा जगजाहिर है।
संगठन में भेजे जाएंगे पुराने मंत्री
ऐसी संभावना जताई जा रही है, कि हटाए गए सभी मंत्रियों को संगठन में भेजा जाएगा। जिससे कि उनके अंदर की नारजगी को थोड़ा दूर किया जा सका। फिलहाल नेतृत्व उन्हें यह समझाने की कोशिश कर रहा है कि बदलाव का फैसला किसी के एक के खिलाफ नहीं है। इसीलिए सभी को बदला गया है। साफ है कि गुजरात के नए मुख्य मंत्री से लेकर नया मंत्रिडल पूरी तरह से 2022 के चुनावों को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है। पार्टी नए चेहरों के साथ सरकार विरोधी हवा का रुख समय रहते बदलना चाहती है। अब देखना है कि यह दांव 27 साल से सत्ता पर काबिज भाजपा को आगे भी सत्ता में बनाए रखती है या नहीं।
ये है मंत्रियों की लिस्ट
कैबिनेट मंत्री- राजेंद्र त्रिवेदी ,जीतू वाघाणी,ऋषिकेश पटेल,राघव जी पटेल ,पूर्णेश मोदी ,किरीट सिंह राणा ,प्रदीप परमार ,अर्जुन चौहान ,कनुभाई देसाई ,नरेश पटेल
स्वतंत्र प्रभार मंत्री-हर्ष संघवी, जगदीश पंचाल ,बृजेश मेरजा ,जीतू चौधरी ,मनीषा वकील
राज्य मंत्री-मुकेश पटेल,निमिषा सुथार ,अरविंद रैय्यानी,कुबेर डिंडोर ,कीर्ति सिंह वाघेला ,गजेंद्र परमार ,राघव मकवाणा,विनोद मोरडिया,देवा मालम