बिहार में बीजेपी ने अभी से साल 2025 की तैयारियां शुरू कर दी है। कोई इसे बड़े सियासी संकेत के तौर पर देख रहा है तो कोई इसे बीजेपी का NO नीतीश प्लान बता रहा है। जबकि खुद बीजेपी ने इस मिशन का नाम रखा है। मिशन 200..इसी सिलसिले में राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा आज पटना पहुंचे। रोड शो किया। लेकिन सवाल है कि बीजेपी का प्लान 2025 है क्या..हमारी ये EXCLUSIVE रिपोर्ट देखिए।
बिहार की सियासत में अकेले अपने दम पर खड़े होने की बीजेपी की ये सबसे नई कोशिश है। कोशिश है किअगले चुनाव में पार्टी को किसी बैसाखी की जरूरत ना पड़े। इसीलिए बीजेपी ने अभी से ही अपनी तैयारी शुरू कर दी है। जिसका नाम दिया है- 'मिशन 200'
बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा पटना पहुंचे तो स्वागत में खड़ी भीड़ ने भव्य स्वागत किया। फिर रोड शो शुरु हुआ। जैसे-जैसे काफिला आगे बढ़ा। बीजेपी के कार्यकर्ता इस रोड शो में जुड़ते चले गए। निश्चित तौर पर इस तस्वीर से विपक्ष को जितनी चिंता नहीं होगी। उससे कहीं ज्यादा नीतीश कुमार की परेशानी बढ़ गई होगी।
बीजेपी साल 2024 के लोकसभा चुनाव और 2025 में होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव के लिए करीब 10 साल बाद बिहार में कोई इतना बड़ा कार्यक्रम आयोजित कर रही है। और इसी कार्यक्रम के बहाने कई सियासी संकेत भी देने की तैयारी में है। क्या बिहार में बीजेपी अकेले दम पर चुनाव लड़ेगी ? क्या बीजेपी अब नीतीश कुमार से अलग होकर चुनाव लड़ेगी?
दरअसल, बीजेपी बिहार में पहली बार अपने सभी 7 मोर्चों की संयुक्त राष्ट्रीय कार्यसमिति की 2 दिवसीय बैठक है और इसी बैठक के लिए जेपी नड्डा पटना पहुंचे। और इसी कार्यक्रम में देशभर के 700 प्रतिनिधि भी शामिल होंगे। इसमें किसान मोर्चा, ओबीसी मोर्चा, अनुसूचित जाति मोर्चा, महिला मोर्चा,युवा मोर्चा, अनुसूचित जनजाति मोर्चा, अल्पसंख्यक मोर्चा भी शामिल हैं।
बीजेपी केंद्र में पिछले 8 साल से जरूर है लेकिन अभी भी पार्टी के लिए ये सपना है कि वो अपने दम पर राज्य में सरकार बना ले और अपनी पार्टी के किसी चेहरे को सीएम की कुर्सी तक पहुंचा दे। बिहार के लिए बीजेपी की तैयारी का अंदाजा बस इस बात से लगाइए कि कुल 243 विधानसभा सीट में से 200 विधनसभाओं में पार्टी के सभी कार्यकर्ताओं को रात्रि प्रवास के लिए कहा गया है। इन 200 विधानसभा सीटों में वो 43 सीट भी हैं। जहां पिछले विधानसभा चुनाव में जेडीयू को जीत मिली थी।
पार्टी कार्यकर्ता 200 सीटों पर बूथ लेवल की मीटिंग करेंगे। पार्टी कार्यकर्ता विधानसभाओं में जाकर लोगों से मिलेंगे। पार्टी कार्यकर्ता 48 घंटे तक 200 विधानसभा में रहेंगे। जमीनी नेताओं से भी मिलने का कार्यक्रम है। बीजेपी के इस कार्यक्रम की अहमियत का अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि कार्यक्रम का समापन खुद केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह करेंगे। और इसके लिए 31 जुलाई को पटना आएंगे।
बीजेपी ऐसे वक्त में पटना में कार्यक्रम कर रही है। जब कुछ दिनों पहले ही दोनों ही दल बीजेपी और जेडीयू में सार्वजनिक टकराव दिखा। वो चाहे जातिगत जनगणना का मुद्दा हो या फिर NCR-NPR का मुद्दा। हर बार नीतीश कुमार ने बीजेपी से अलग स्टैंड लिया। वैसे बिहार की राजनीति को करीब से जानने वाले बताते हैं कि जेडीयू के साथ तल्ख होते रिश्तों के बीच बिहार में बीजेपी अपने सियासी आधार को मजबूत करने में कोई कमी नहीं रखना चाहती है।