आपने भ्रष्टाचार के कई मामले सुने होंगे लेकिन छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में जो मामला सामने आया है उसके बारे में जानकर आपको लगेगा कि ये भारत ही है या कोई विदेशी मुल्क, जी हां यहां के कांकेर (Kanker) के एक क्वारंटीन सेंटर के लिए टमाटर (Tomato) की खरीद लॉकडाउन के दौरान की गई। आप कहेंगे कि इसमें क्या नया है तो जनाब यहां 1 किलो टमाटर 580 रूपये किलो के भाव पर खरीदा गया जबकि उस समय टमाटर का आम रेट 20-30 रूपये प्रतिकिलो चल रहा था।
इस खुलासे के बाद छत्तीसगढ़ में राजनीति तेज हो गई है बताया जा रहा है कि कांकेर जिले के इमलीपारा क्वारंटाइन सेंटर में टमाटर की ये महंगी खरीदी की गई है लोगों के साथ ही स्थानीय जनप्रतिनिधि भी इसे भ्रष्टाचार की खुला खेल बता रहे हैं बताया जा रहा है कि लॉकडाउन के दौरान इमलीपारा के क्वारंटाइन सेंटर में अन्य राज्य से आने वाले मजदूर व छात्र-छात्राओं को ठहराया गया था और वहीं पर ही इन लोगों की खाने की व्यवस्था भी की गई थी।
RTI के तहत मिले दस्तावेजों से इस मामले का हुआ खुलासा
इस व्यवस्था में ही भ्रष्टाचार का आरोप लगाया जा रहा है,इस मामले को लेकर सत्तारूढ़ पार्टी कांग्रेस के लोग भी सवाल उठा रहे हैं इस सेंटर की जिम्मेदारी आदिम जाति कल्याण विभाग को जिला प्रशासन ने सौपी थी और विभाग के जिम्मेदार लोगों ने बाजार मूल्य से कई गुना अधिक कीमत पर खरीदारी का बिल लगाया है, साथ ही अन्य सब्जियों की कीमत भी बाजार मूल्य से अधिक बिल पर लिखी गयी है बताया जा रहा है कि इसका भुगतान भी विभाग ने कर दिया है। सूचना का अधिकार के तहत मिले दस्तावेजों से इस मामले का खुलासा हुआ है। दस्तावेजों के मुताबिक इस क्वारंटाइन सेंटर में लॉकडाउन के दौरान व्यवस्था बनाने के लिए 1 करोड़ 67 लाख रुपए खर्च किए गए हैं बताते हैं कि खरीदे गए सामान के बिल में जीएसटी व टिन नंबर तक नहीं उपलब्ध कराया गया है। इस खुलासे के बाद जिले में हड़कंप मच गया है कलेक्टर ने इस मामले की जांच को लेकर एक समिति गठित कर दिया है।