नई दिल्ली। पिछले साल दिसंबर के महीने में जब नागरिकता संशोधन कानून अस्तित्व में आया तो देश के कई राज्य हिंसा की चपेट में आ गए। देश का सबसे बड़ा सूबा उत्तर प्रदेश उनमें से एक था। यूपी के करीब 22 जिलों में हिंसा और आगजनी हुई। और उसमें कई लोग मारे गए। इस घटना के बाद विरोधी दलों में योगी सरकार पर जमकर निशाना साधा। इस समय यूपी विधानसभा का बजट सत्र जारी है और सीएम योगी आदित्यनाथ से समाजवादी पार्टी के विधायक ने जिस अंदाज में सवाल पूछा तो उसी अंदाज में उन्होंने जवाब दिया।
सीएम ने स्पष्ट किया कि हिंसा के दौरान मारे गए लोगों के लिए मुआवजे का प्रावधान नहीं है लिहाजा जो लोग दंगे और विरोध प्रदर्शन के दौरान मारे गए उन्हें न तो मुआवजा दिया जा सकता है और न ही दिया जाएगा। यूपी सरकार ने बताया कि पिछले 6 महीनों में दंगा और विरोध प्रदर्शन में 21 लोग मारे गए हैं और 400 पुलिसकर्मी पत्थरबाजी में घायल हुए थे।
विधानसभा में समाजवादी पार्टी के विधायक राकेश प्रताप सिंह के सवालों का जवाब सीएम दे रहे थे। राकेश प्रताप सिंह ने पिछले 6 महीनों में दंगा, विरोध प्रदर्शन और धरने के दौरान हुई मौतों की संख्या को लेकर सवाल पूछा था। बता दें कि नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में देश के अलग अलग इलाकों में विरोध प्रदर्शन का दौर अभी भी जारी है। यूपी के आजमगढ़, अलीगढ़ और लखनऊ में कुछ संगठनों की तरफ से विरोध दर्ज कराने की कोशिश की