- कैप्टन ने किया साफ- वो कांग्रेस जरूर छोड़ रहे हैं लेकिन बीजेपी में नहीं होंगे शामिल
- अपने दिल्ली दौरे के दौरान राजनीतिक रूप से खूब सक्रिय रहे कैप्टन
- कैप्टन का कोई भी अगला कदम कांग्रेस को पहुंचाएगा नुकसान
नई दिल्ली: अपने तीन दिवसीय दिल्ली दौरे के दौरान कैप्टन अमरिंदर सिंह ने खूब सुर्खियां बंटोरी। इस दौरान जहां उन्होंने एक तरफ गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की तो दूसरी तरफ राष्ट्रीय सुरक्षा सुलाहकार अजीत डोभाल से मिले। हालांकि उन्होंने बीजेपी में शामिल होने की खबरों को खारिज कर दिया लेकिन ये भी साफ कर दिया कि वो अब कांग्रेस में नहीं रहेंगे। कैप्टन अमरिंदर सिंह ने अपने ट्विटर हैंडल से कांग्रेस शब्द भी हटा दिया है। उन्होंने ये भी कहा कि कांग्रेस पार्टी के शीर्ष नेतृत्व की तरफ से उन्हें जिस अपमान का सामना करना पड़ा उससे वह बेहद आहत हैं।
नई पार्टी का गठन करेंगे कैप्टन!
अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले ये उम्मीद लगाई जा रही है कि कैप्टन अपनी पार्टी का गठन कर सकते हैं। जिसका सीधा नुकसान कांग्रेस को उठाना पड़ सकता है। रिपोर्ट्स के अनुसार, पंजाब कांग्रेस के 25 से 30 विधायक उनके संपर्क में हैं। इससे पहले गुरुवार सुबह कैप्टन ने दिल्ली में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजित डोभाल से मुलाकात की। दरअसल ये मुलाकात इसलिए अहम मानी जा रही है क्योंकि कैप्टन से मुलाकात के तुरंत बाद एनएसए डोभाल ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की।
पहले भी बना चुके हैं पार्टी
अमरिंदर सिंह पहले भी 1992 में अपना अलग दल बना चुके हैं तब उस पार्टी का नाम अकाली दल पंथिक था, हालांकि 1998 में उन्होंने इसका कांग्रेस में विलय कर दिया। अब अगर एक बार फिर कैप्टन नई पार्टी बनाते हैं तो इससे सबसे अधिक टेंशन कांग्रेस को होगी जो पंजाब में इस समय भीषण अंदरुनी कलह से जूझ रही है। वहीं इसका सीधा फायदा बीजेपी ले सकती हैं तो कैप्टन की पार्टी को चुनाव के दौरान बाहर से सपोर्ट कर सकती है। भले ही कैप्टन सरकार बनाने लायक सीट ना जीत पाए लेकिन वो कई सीटों पर कांग्रेस की समीकरण खराब कर सकते हैं।
बुधवार को की थी गृह मंत्री से मुलाकात
अपने दिल्ली दौरे के दौरान जहां पहले दिन कैप्टन ने कहा कि वह निजी काम से दिल्ली आए हैं वहीं बुधवार शाम को उनकी गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात के बाद दिल्ली का राजनीतिक तापमान ऊपर चला गया। दोनों नेताओं के बीच करीब 50 मिनट तक बातचीत हुई थी। हालांकि मुलाकात को लेकर चल रही तमाम कयासबाजी पर कैप्टन अमरिंदर सिंह ने विराम लगा दिया और का कि उन्होंने गृह मंत्री से कृषि कानूनों को निरस्त करने और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी देकर, किसान आंदोलन को जल्दी खत्म करने का अनुरोध किया है।