- कैथोलिक हेल्थ एसोसिएशन ने देशभर में कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों के उपचार के लिए 1000 क्रिश्चन अस्पतालों की पेशकश की है
- देशभर में इन अस्पतालों में 60,000 से अधिक बिस्तर हैं, एसोसिएशन का कहना है कि यहां पहले से इस दिशा में काम शुरू कर दिए गए हैं
- CHAI के अनुसार, 1000 से अधिक सिस्टर डॉक्टर्स और करीब 50,000 कैथोलिक नन देश के हेल्थ सेकटर में काम करते हैं
नई दिल्ली : देश में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों को देखते हुए भारतीय कैथोलिक हेल्थ एसोसिएशन (CHAI) ने सरकार को 1000 क्रिश्चन अस्पतालों की पेशकश की है। कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों के उपचार के लिए CHAI ने देशभर में इन अस्पतालों की पेशकश की है। इन अस्पतालों में 60,000 अधिक बिस्तर हैं। इसके लिए CHAI ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है, जिसमें उसने कोरोना वायरस महामारी के खिलाफ जंग में शामिल होने की इच्छा जताई है। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी भी एक दिन पहले ही ऐसी पेशकश कर चुकी है।
पीएम मोदी को लिखा पत्र
CHAI के महानिदेशक व अध्यक्ष फादर मैथ्यू अब्राहम ने पीएम मोदी को लिखे पत्र में कहा है कि इस महामारी के खिलाफ जंग और लोगों के स्वास्थ्य के लिहाज से एकजुट होकर काम करना बेहद अहम है। संकट की इस घड़ी में उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी और पूरे राष्ट्र के साथ एकजुटता जताई। इस पत्र पर क्रिश्चन मेडिकल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (CMAI) की महासचिव डॉ. प्रिया जॉन और इमैनुए हॉस्पिटल एसोसिएशन के कार्यकारी निदेशक डॉ. सुनील गोकवि के भी हस्ताक्षर हैं। इसमें कहा गया है कि इन अस्पतालों में कोरोना वायरस के मरीजों के उपचार के लिए जरूरी कार्य पहले से ही शुरू कर दिए गए हैं।
कैथोलिक अस्पतालों में तैयारी
CHAI के अनुसार, 1000 से अधिक सिस्टर डॉक्टर्स और करीब 50,000 कैथोलिक नन देश के हेल्थ सेकटर में काम करते हैं। बयान में कहा गया है कि कई कैथोलिक अस्पताल दूर-दराज के इलाकों में हैं, जहां अस्पताल प्रशासन स्थानीय सरकारों और स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ मिलकर इस दिशा में काम कर रहा है। यहां कपड़े का इस्तेमाल करते हुए हाथों से ही मास्क बनाने का काम और स्वास्थ्यर्मियों के लिए प्लास्टिक बैग्स का इस्तेमाल करते हुए प्रोटेक्टिव गीयर बनाने का काम भी चल रहा है।
लगातार बढ़ रहे संक्रमण के मामले
यहां उल्लेखनीय है कि देश में कोरोना वायरस के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। इस घातक संक्रमण से जहां 13 लोगों की जान जा चुकी है, वहीं संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़कर 649 हो गई है। संक्रमण की रफ्तार को थामने के लिए ही सरकार ने 25 मार्च को पूरे देश में लॉकडाउन की घोषणा की, जिसके बाद कई राज्यों ने अपनी सीमाएं बंद कर दीं तो परिवहन के साधन भी बंद हो गए हैं। विभिन्न राज्यों में राज्य सरकारें भी मुस्तैदी से इस संकट का समाधान निकालने में जुटी हैं।