- डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया के बैंक लॉकर की जांच जारी
- सीबीआई के अधिकारियों ने की जांच
- एक्साइज मामले में पहले ही आवास और दफ्तर में हो चुकी है रेड
दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया के बैंक लॉकर की जांच सीबीआई के अधिकारियों ने की। करीब तीन घंटे की जांच के बाद मनीष सिसोदिया मीडिया से रूबरू हुए और कहा कि यहां भी जांच एजेंसी को कुछ नहीं मिला। घर की तरह लॉकर से भी कुछ नहीं निकला। हालांकि जांच के बाद सीबीआई के सूत्रों से पता चला है कि लॉकर में कुछ गहने, गांव वाली जमीन के दस्तावेज मिले हैं। बता दें कि सोमवार को ट्वीट के जरिए उन्होंने बताया था कि मंगलवार को सीबीआई बैंक लॉकर की भी जांच करने वाली है।
पीएनबी में हैं लॉकर
(सीबीआई) के अधिकारियों ने मंगलवार को यहां दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के लॉकर की तलाशी ली। सीबीआई के वहां पहुंचने पर बैंक के बाहर अफरा-तफरी मच गई, मीडिया कर्मियों का जमावड़ा लग गया और भीड़ भी एकत्रित हो गई।अधिकारियों ने बताया कि केंद्रीय जांच ब्यूरो के करीब पांच अधिकारियों का एक दल राष्ट्रीय राजधानी के बाहरी इलाके गाजियाबाद के सेक्टर-4 वसुंधरा स्थित पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) की शाखा में लॉकर की तलाशी लेने पहुंचा।सिसोदिया भी अपनी पत्नी के साथ बैंक में मौजूद थे।
दिल्ली एक्साइज पॉलिसी में केस है दर्ज
दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 के कार्यान्वयन में हुई कथित अनियमितताओं के सिलसिले में दर्ज सीबीआई की प्राथमिकी में आम
आदमी पार्टी (आप) के नेता सिसोदिया सहित 15 लोगों और संस्थाओं को नामजद किया गया है।सिसोदिया ने सोमवार को ट्वीट किया था, ‘‘कल सीबीआई हमारा बैंक लॉकर देखने आ रही है। 19 अगस्त को मेरे घर पर 14 घंटे के छापे में कुछ नहीं मिला था। लॉकर में भी कुछ नहीं मिलेगा। सीबीआई का स्वागत है। जांच में मेरा और मेरे परिवार का पूरा सहयोग रहेगा।’’सीबीआई ने 19 अगस्त को इस मामले में सिसोदिया के आवास समेत 31 स्थानों पर छापे मारे थे।
'आप को रोकने की कोशिश'
सिसोदिया का कहना है कि उन्हें एक झूठे मामले में आरोपी बनाया गया है, ताकि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को आगे बढ़ने से रोका जा सके जो 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकल्प के तौर पर उभरे हैं।दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने शुक्रवार को दिल्ली विधानसभा के विशेष सत्र में कहा था कि राज्य की सरकारों को गिराने के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत केंद्र सरकार एक ‘‘सीरियल किलर’’ की तरह बर्ताव कर रही है।