- ट्विटर इंक भारत के नए आईटी नियमों का पालन करने में विफल रही है
- केंद्र ने सोमवार को दिल्ली हाई कोर्ट को इस बारे में हलफनामा दिया है
- केंद्र ने कहा कि जो देश का कानून है और इसका अनिवार्य रूप से पालन करना आवश्यक
नयी दिल्ली: केंद्र ने सोमवार को दिल्ली उच्च न्यायालय (Delhi High Court) को बताया कि सोशल मीडिया क्षेत्र की दिग्गज कंपनी ट्विटर इंक (Twitter Inc) भारत के नए सूचना प्रौद्योगिकी नियमों (New IT Law) का पालन करने में विफल रही है, जो देश का कानून है और इसका अनिवार्य रूप से पालन करना आवश्यक है।
केंद्र ने उच्च न्यायालय में दाखिल एक हलफनामे में कहा कि आईटी नियमों का पालन नहीं किया जाना इनके प्रावधानों के उल्लंघन के समान है, जिसके कारण ट्विटर को आईटी अधिनियम के तहत प्रदान की गई अपनी प्रतिरक्षा को खोना पड़ सकता है। हलफनामा वकील अमित आचार्य की एक याचिका के जवाब में दायर किया गया है, आचार्य ने दावा किया था कि ट्विटर केंद्र के नए आईटी नियमों का पालन नहीं कर रहा।
भारत में ट्विटर के शिकायत अधिकारी ने इस्तीफा दिया
गौर हो अभी हाल ही में सोशल नेटवर्क मंच ट्वीटर के भारत में नियुक्त किए गए के अंतरिम शिकायत अधिकारी ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था, नये सूचना प्रौद्योगिकी नियमों के तहत भारतीय उपयोगकर्ताओं की शिकायतों पर कार्रवाई के लिए प्रमुख सोशल मीडिया कंपनियों में शिकायत अधिकारी की नियुक्ति जरूरी है। हाल ही में भारत में ट्विटर की ओर से नियुक्त किए गए अंतरिम शिकायत अधिकारी धर्मेंद्र चतुर ने पद से इस्तीफा दे दिया। सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यस्थ के लिए दिशानिर्देश एवं डिजिटल मीडिया आचार संहिता) नियमावली 2021 के तहत मंचों को अपनी वेबसाइट पर उक्त आधिकारी का नाम और सम्पर्क के पते देना जरूरी है।
नये IT Law 25 मई से लागू हो गए हैं
सरकार ने ट्विटर पर जानबूझकर इन नये नियमों का पालन न करने का आरोप लगाया है और उसकी आलोचना की है।नये नियम 25 मई से लागू हो गए हैं। ट्विटर ने अतिरिक्त समय समाप्त होने के बाद भी जरूरी अधिकारियों की नियुक्ति नहीं की जिसके साथ उसने भारत में मध्यस्थ डिजिटल मंचों को 'संरक्षण के प्रावधान' के जरिए मिलने वाली छूट का अधिकार खो दिया है।