सिंगापुर में कोरोना वायरस के कथित नए स्ट्रैन के बारे में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की टिप्पणी के बाद सियासत भी तेज हो गई है। सिंगापुर की आपत्ति के बाद भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि गैर-जिम्मेदाराना बयान से दोनों देशों के संबंधों को नुकसान पहुंच सकता है। इसके बाद बुधवार को दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि केजरीवाल जी ने दो चीजों की बात की। सिंगापुर के स्ट्रेन की और बच्चों की। केंद्र सरकार को सिंगापुर की चिंता हुई, और केजरीवाल जी को बच्चों की। लंदन में नया स्ट्रेन आया तब भी केंद्र सरकार ने चेतावनी नहीं सुनी और आज देश के हालत सबको पता हैं।
सिसोदिया ने कहा कि बीजेपी और केंद्र सरकार को विदेश में अपनी इमेज की जितनी चिंता है काश उतनी चिंता देश के बच्चों की होती। बच्चों की वैक्सीन तो इमेज के चक्कर में विदेश बेच आए और अब जब अरविंद केजरीवाल कह रहे हैं बच्चों की चिंता करिए तो उस पर कुछ करने की बजाय फिर से विदेशी इमेज की चिंता में डूबे हैं। बीजेपी और केंद्र को सिर्फ सिर्फ विदेश की पड़ी है। हमारे बच्चों की वैक्सीन कहां गई? विदेश। बीजेपी किसके बचाव में आई? विदेश। बीजेपी को विदेश प्रेम मुबारक लेकिन हमे सिर्फ हमारे बच्चों की चिंता है। मुद्दा सिंगापुर नहीं है, मुद्दा हमारे बच्चों की हिफाजत का है। आज फिर केंद्र सरकार आने वाले खतरे को भांप नही पा रही और हमारे बच्चों की सुरक्षा को लेकर लापरवाही दिखा रही है। केंद्र को सिर्फ विदेशों में अपनी इमेज मेकिंग की परवाह है।
गौर हो कि दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल की टिप्पणी पर सिंगापुर सरकार की आपत्ति के बाद भारतीय विदेश मंत्रालय ने बुधवार को स्पष्ट किया कि कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में दोनों देश मजबूत साझेदार हैं और दिल्ली के मुख्यमंत्री की टिप्पणी भारत का बयान नहीं है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ट्वीट किया कि सिंगापुर और भारत कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में मजबूत भागीदार रहे हैं। परिवहन एवं आपूर्ति केंद्र और ऑक्सीजन आपूर्तिकर्ता के रूप में हम सिंगापुर की भूमिका की सराहना करते हैं। उन्होंने कहा कि हमारी मदद के लिये सैन्य विमान तैनात करने का उनका भाव हमारे अभूतपूर्व संबंधों को स्पष्ट करता है। जयशंकर ने कहा कि कुछ लोगों के गैर-जिम्मेदाराना बयान से हमारे दीर्घकालिक साझेदारी को नुकसान पहुंच सकता है। इसलिए मैं स्पष्ट कर देता हूं कि दिल्ली के मुख्यमंत्री का बयान पूरे भारत का बयान नहीं है।
सिंगापुर ने बुधवार को भारतीय उच्चायुक्त पी कुमारन से दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की कोरोना वायरस के नये स्वरूप को लेकर टिप्पणी पर कड़ी अपत्ति से अवगत कराया जिसमें केजरीवाल ने कहा था कि यह बच्चों के लिये हानिकारक हो सकता है और भारत में तीसरी लहर का कारण बन सकता है। सिंगापुर के विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि कोरोना वायरस का कोई सिंगापुर स्ट्रैन नहीं है और हाल के सप्ताह में कोविड-19 के जो कई मामले सामने आए हैं, वे बी.1.617.2 स्वरूप के हैं जो सबसे पहले भारत में पाए गए थे।
इस पर भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने ट्वीट कर कहा कि सिंगापुर स्वरूप वाले दिल्ली के मुख्यमंत्री के ट्वीट पर कड़ी आपत्ति दर्ज कराने के लिए सिंगापुर सरकार ने आज हमारे उच्चायुक्त को बुलाया था। उन्होंने कहा कि हमारे उच्चायुक्त ने यह स्पष्ट किया कि दिल्ली के मुख्यमंत्री के पास कोविड-19 के स्वरूप या नागर विमानन नीति पर कुछ भी बोलने का अधिकार नहीं है।
दरअसल, एक दिन पहले ही दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट किया था कि सिंगापुर में आया कोरोना का नया स्वरूप बच्चों के लिए बेहद खतरनाक बताया जा रहा है, भारत में ये तीसरी लहर के रूप में आ सकता है। केजरीवाल ने कहा था कि उनकी केंद्र सरकार से अपील है कि सिंगापुर के साथ हवाई सेवाएं तत्काल प्रभाव से रद्द हों और बच्चों के लिए भी वैक्सीन के विकल्पों पर प्राथमिकता के आधार पर काम हो। सिंगापुर के स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा था कि इन दावों में कोई सच्चाई नहीं है।
सिंगापुर के विदेश मंत्रालय ने भी दिल्ली के मुख्यमंत्री के दावे पर आपत्ति व्यक्त करते हुए अपने बयान में कहा कि केजरीवाल का बयान निराधार है। उसने कहा कि विदेश मंत्रालय को सिंगापुर में कोविड-19 स्वरूप के बारे में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के फेसबुक और ट्विटर पर की गई निराधार टिप्पणी पर खेद है जिसमें कहा गया है कि यह खासतौर पर बच्चों के लिये हानिकारक है और भारत में तीसरी लहर का कारण बन सकता है। सिंगापुर के विदेश मंत्रालय ने कहा कि वह इस बात से निराश है कि एक प्रमुख राजनीतिक हस्ती ऐसे दावे करने से पहले तथ्यों का आकलन करने में विफल रही।