- कोरोना संकट से निपटने के लिए केंद्र ने खुद की ओर से उठाए जा रहे कदमों की जानकारी दी है
- सुप्रीम कोर्ट से सरकार ने कहा है कि कोरोना का खतरा जिस समूह पर ज्यादा है वह वर्ग उसकी प्राथमिकता में है
- सरकार का कहना है कि वह टीकाकरण के अभियान को तेज कर रही है, टीकों की कीमत पर भी वह ध्यान दे रही है
नई दिल्ली : कोरोना महामारी के दौरान मेडिकल राहत सामग्रियों के वितरण एवं उससे जुड़ी सेवाओं पर सुनवाई होने से पहले केंद्र सरकार ने रविवार को सुप्रीम कोर्ट में अपना हलफनामा दायर किया। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली तीन जजों की पीठ आज इस मामले की सुनवाई करेगी। सरकार ने अपने हलफनामे में कहा है कि कोरोना संकट से निपटने की उसकी टीकाकरण की नीति तत्काल, मध्यवाधि और लंबे समय के लिए तैयार की गई है।
टीकाकरण अभियान को तेजी से आगे बढ़ा रहे
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक सरकार ने हलफनामे में कहा है, 'कोरोना संकट से तत्काल लड़ाई के लिए सरकार की प्राथमिकता टीकों की उपलब्धता, टीकाकरण की शुरुआत और वैक्सीनेशन के अभियान को तेजी से आगे बढ़ाना है। देश में कोरोना महामारी से सबसे ज्यादा जिस वर्ग को खतरा है उसे टीका लगाना सरकार की सबसे पहली प्राथमिकता है।' सरकार ने हलफनामे में आगे कहा है कि टीकों की कीमत मध्य और लंबे समय का मसला है। टीकों के दाम को लेकर सरकार देश और अंतरराष्ट्रीय समुदाय के संपर्क में है।
नए टीके के लिए शोध
सरकार ने कहा है कि स्वास्थ्य विशेषज्ञों की राय को देखते हुए सरकार का ध्यान उन क्षेत्रों पर ज्यादा है जहां टीकाकरण की सबसे ज्यादा आवश्यकता है। सरकार टीके का उत्पादन बढ़ाने के लिए कदम उठा रही है। नए टीकों के विकास के लिए शोध भी किए जा रहे हैं।
कोरोना संकट पर एससी में सुनवाई
बता दें कि दिल्ली के अस्पतालों में ऑक्सीजन की आपूर्ति को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की है। इस सुनवाई के दौरान कोर्ट ने ऑक्सीजन की आपूर्ति को लेकर केंद्र सरकार की खिंचाई की। कोर्ट ने केंद्र से स्पष्ट रूप से कहा कि वह उसके आदेश के मुताबिक दिल्ली सरकार को रोजाना 700 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की आपूर्ति करे। शीर्ष अदालत के आदेश के बाद दिल्ली को 700 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की आपूर्ति होने लगी है।
कोरोना की दूसरी लहर की गिरफ्त में है देश
कोरोना संकट की दूसरी लहर का सामना कर रहे भारत में महामारी खतरनाक स्थिति में पहुंच गई है। बीते दो दिनों से 24 घंटे में चार लाख से ज्यादा केस आए हैं और करीब 4 हजार लोगों की मौत हुई है। सरकारें इस खतरे से निपटने के लिए ज्यादा से ज्यादा लोगों को टीका लगाने का अभियान चला रही है। टीकाकरण के तीसरे अभियान में 18 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को टीका लगाया जा रहा है।