- केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों को लू के मद्देनजर बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं को तैयार रखने को कहा है।
- स्वास्थ्य केंद्रों में जरूरी दवाओं की उपलब्धता बढ़ाने के लिए निर्देश दिए गए हैं।
- ठंडा करने वाले उपकरणों को निरंतर बिजली की व्यवस्था, सोलर पैनल लगाने आदि का भी सुझाव दिया गया है।
Heat Wave In India: पिछले 120 साल की सबसे बड़ी गर्मी झेल रहे भारत के कई राज्यों में लू का कहर जारी है। हालात ऐसे हो गए हैं कि जरा सी लापरवाही जानलेवा बन सकती है। इसे देखते हुए केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों को लू के मद्देनजर बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं को तैयार रखने को कहा है।केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण द्वारा राज्य सरकारों को लिखे गए पत्र में बढ़ते तापमान और लू को देखते हुए जरूरी तैयारियां करने को कहा गया है। इसके लिए सभी जिलों में गर्मी से संबंधित बीमारियों पर राष्ट्रीय कार्य योजना के दिशानिर्देशों को लागू करने के निर्देश दिए हैं।
जरूरी दवाएं उपलब्ध हो
भूषण ने लिखा है कि स्वास्थ्य केंद्रों में जरूरी दवाओं की उपलब्धता की समीक्षा की जाय। जिससे उनकी पर्याप्त उपलब्धता रहे। इसके तहत आईवी फ्लूड, ओआरएस,बर्फ के पैकेट आदि जरूरी चीजों की उपलब्धता सुनिश्चित हो। साथ ही उन्होंने संवेदनशील क्षेत्रों में पर्याप्त पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित करने की बात भी कही है। इसके अलावा राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को गर्मी की बीमारियों के प्रति चिकित्सा अधिकारियों, स्वास्थ्य कर्मचारियों और जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं को संवेदनशील बनाने और उनके बेहतर रूप से तैयार रहने के लिए जरूरी कदम उठाने की बात कही है।
इन भी व्यवस्थाओं पर दें ध्यान
लेटर में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को यह भी कहा गया है कि एक मार्च से एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम (आईडीएसपी) के तहत गर्मी से संबंधित बीमारियों पर डेली रिपोर्ट तैयार हो रही है। इसमें कहा गया कि दैनिक निगरानी रिपोर्ट को राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी) के साथ शेयर किया जाए। इसके अलाव ठंडा करने वाले उपकरणों को निरंतर बिजली की व्यवस्था, सोलर पैनल लगाने ,ठंडी या हरी छत के माध्यम से इनडोर गर्मी को कम करने जैसे कदमों को उठाने की भी बात कही गई है।
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